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मेरठ

इस विश्वविद्यालय के वर्तमान आैर पूर्व वीसी समेत 13 भ्रष्टाचार आैर धोखाधड़ी में दोषी मिले, होगी बड़ी कार्रवार्इ

विजीलेंस ने शासन से आरोप पत्र दाखिल करने की अनुमति मांगी
 

मेरठJul 12, 2018 / 09:55 am

sanjay sharma

meerut

इस विश्वविद्यालय के वर्तमान आैर पूर्व वीसी समेत 13 भ्रष्टाचार आैर धोखाधड़ी में दोषी मिले

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी प्रो. एसके काक आैर मौजूदा वीसी प्रो. एनके तनेजा समेत विश्वविद्यालय के 13 अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा कालेज संचालक को विजीलेंस ने भ्रष्टाचार आैर धोखाधड़ी के मामले में दोषी माना है। इसके लिए शासन से अनुमति मांगी गर्इ है। उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान मेरठ की आेर से पिछले साल मेरठ के मेडिकल थाने में भ्रष्टाचार आैर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करार्इ गर्इ थी। इसमें कहा गया था कि इसमें कहा गया था कि पूर्व वीवी प्रो. काक ने अपने पद का लाभ उठाकर कर्मचारियों की नियुक्तियां की। विजीलेंस ने जांच में कहा है कि प्रो. काक ने कालेजों की संबद्धता प्रदान करने में विश्वविद्यालयों के प्रावधानों का पालन नहीं किया।
विजीलेंस टीम ने कालेज की संबद्धता के मामले में जांच की तो पता चला कि मौके पर रुद्राक्ष इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाॅजी कालेज में भवन नहीं मिला। जबकि इस कालेज को विश्वविद्यालय की संबद्दता प्रदान कर दी गर्इ थी। विजीलेंस टीम का कहना है कि प्रो. एसके काक ने स्ववित्त पोषित संस्थानों को संबद्धता दिए जाने में नियमों का उल्लंघन किया गया है, जबकि मौजूदा वीसी प्रो. एनके तनेजा उस समय गठित किए गए निर्णायक मंडल में संयोजक के तौर पर इस कालेज का निरीक्षण करने के लिए अकेले गए थे। इनके अलावा विश्वविद्यालय के अन्य 11 लोगों को भी इस संबद्धता के मामले में विजीलेंस ने दोषी माना है। विजीलेंस ने इन 13 लोगों के खिलाफ शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी है, ताकि आरोप पत्र दाखिल हो सके आैर इनके खिलाफ कार्रवार्इ हो सके।
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संबद्धता मामले में ये हैं आरोपी

विश्वविद्यालय से कालेज की संबद्धता के संबंध में विजीलेंस ने जिन 13 लोगों को आरोपी बताया है उनमें पूर्व वीसी प्रो. एसके काक, पूर्व कुलसचिव वीके सिन्हा व प्रभात रंजन, पूर्व उप कुल सचिव प्रशासन नारायण प्रसाद, पूर्व उप कुलसचिव प्रशासन रामकुमार, पूर्व सहायक लेखा अधीक्षक हरवंश लाल, पूर्व वरिष्ठ सहायक अरविंद कुमार, वित्त नियंत्रक अतुल कुमार, डा. शिखा चतुर्वेदी, एसएस शर्मा, शिव कुमार गुप्ता, रुद्राक्ष इंस्टीट्यूट के सचिव अमित गिरि, मौजूदा वीसी प्रो. एनके तनेजा शामिल हैं।

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