मेरठ

दवा खरीद घोटाले में सीबीआर्इ टीम ने चिकित्सा अधिकारी समेत तीन को किया गिरफ्तार, एक मौके से फरार

कैंट अस्पताल में 2011 से 2015 तक दवा खरीद में फर्जीवाड़े में हुर्इ कार्रवार्इ, कार्यालय अधीक्षक फरार

मेरठMar 17, 2019 / 08:37 am

sanjay sharma

Big Breaking: कैंट अस्पताल में दवा खरीद मामले में सीबीआर्इ टीम ने चिकित्सा अधिकारी समेत तीन को हिरासत में लिया, एक मौके से फरार

मेरठ। कैंट अस्पताल में दवा खरीद-फरोख्त मामले में सीबीआर्इ टीम ने अचानक कार्रवार्इ करते हुए चिकित्सा अधिकारी डा. आराधना पाठक, फार्मेसिस्ट सुशील आैर एक अन्य कर्मचारी को हिरासत में ले लिया आैर सीबीआर्इ कोर्ट में पेश कर दिया। उसके बाद कोर्ट ने तीनों को न्यायिक हिरासत में डासना जेल में भेज दिया। करीब पांच महीने पहले सीबीआर्इ ने जांच पूरी करने के बाद कैंट बोर्ड से कार्यालय अधीक्षक एमए जफर, चिकित्सा अधिकारी डा. आराधना पाठक व कर्मचारी सुशील के खिलाफ केस करने की अनुमति मांगी थी। इस अनुमति को कैंट बोर्ड की बैठक में खारिज कर दिया गया था आैर तीन सदस्यीय जांच कमेटी बिठा दी थी। इस कमेटी को दो महीने का समय दिया गया था, हाल ही इसकी समय सीमा बढ़ार्इ गर्इ थी। शनिवार की दोपहर सीबीआर्इ ने अचानक कार्रवार्इ करके सबको चौंका दिया। सीबीआर्इ ने यह कार्रवार्इ इस तरह की कि किसी को भनक तक नहीं लगी। हालांकि कार्यालय अधीक्षक को भनक लगते ही मौके से फरार हो गया।
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यह है पूरा मामला

कैंट बोर्ड द्वारा संचालित कैंट अस्पताल में 2011 में हुए दवा खरीद टेंडर में अस्पताल की पूर्व चिकित्सा अधिकारी अनुराधा गुप्ता द्वारा फर्जीवाड़े की शिकायत सीबीआर्इ से की गर्इ थी। इसके बाद सीबीआर्इ की गाजियाबाद की टीम ने इस मामले की जांच शुरू की थी। जांच में शिकायत के बिल्कुल उलट का मामला पता चला। इसके बाद पिछले साल कैंट बोर्ड के तत्कालीन सीर्इआे की गैरमौजूदगी में टेंडर खोलने का मामला सामने आया तो सीबीआर्इ ने कार्यालय अधीक्षक एमए जफर, चिकित्सा अधिकारी डा. आराधना पाठक व फार्मेसिस्ट सुशील के खिलाफ फर्जीवाड़े में संलिप्तता पर केस दर्ज करने की मांग की गर्इ थी। कैंट बोर्ड की बैठक में सीबीआर्इ की मांग को खारिज करते हुए अपनी तीन सदस्यीय जांच समिति गठित करने का फैसला किया था।
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अचानक बोर्ड आफिस पहुंची सीबीआर्इ टीम

बताते हैं कि शनिवार को सीबीआर्इ टीम अचानक दोपहर बारह बजे कैंट बोर्ड आफिस पहुंची थी। सीबीआर्इ टीम ने पहुंचने के बाद कैंट अस्पताल से चिकित्सा अधिकारी डा. आराधना पाठक व सुशील को भी वहीं इस बात पर बुलवा लिया कि कैंट अस्पताल में लगे एक कमरे में लगार्इ गर्इ सील के बारे में बात करनी है। बताते हैं कि कार्यालय अधीक्षक एमए जफर आफिस में ही थे। कुछ देर बाद सीबीआर्इ टीम के कुछ आैर लोग बोर्ड आफिस पहुंच गए। इसकी भनक लगते ही कार्यालय अधीक्षक ने बहाना बनाकर वहां से दौड़ लगा दी। इसके बाद सीबीआर्इ टीम ने चिकित्सा अधिकारी डा. आराधना पाठक, फार्मेसिस्ट सुशील व एक अन्य को हिरासत में ले लिया। इसके बाद आफिस में अफरातफरी मच गर्इ। कैंट बोर्ड के अफसरों व कर्मचारियों ने बोर्ड द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने की बात कही तो सीबीआर्इ टीम का नेतृत्व कर रहे नीलभ आेझा ने कहा कि सीबीआर्इ का दायरा बहुत बड़ा होता है, इसलिए उनकी कार्रवार्इ के बीच में नहीं आएं। बाद में सीबीआर्इ टीम ने फरार कार्यालय अधीक्षक एमए जफर के अलग-अलग पते पर काफी ढूंढ़ा, लेकिन कोर्इ सुराग नहीं लग सका। सीबीआर्इ टीम तीनों को हिरासत में लेकर गाजियाबाद रवाना हो गर्इ।

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