इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसकी खेती में किसी प्रकार के रसायनिक खाद या फिर पेस्टीसाइट का उपयोग नहीं किया गया है। इस फूलगोभी की खेती में पूरी तरह से गोबर की खाद का उपयोग किया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप इसमें गजब का स्वाद आ रहा रहा है। सबसे बड़ी बात ये है कि इस फूलगोभी में न तो किसी प्रकार का कोई रोग लगता है और न किसी प्रकार का कोई कीड़ा मेरठ के शास्त्रीनगर में आमतौर पर हर घर के बाहर बची जगह इस समय सब्जी की खेती के लिए उपयोग में लाई जा रही है। लोग घर के बाहर खाली पड़ी जगह का उपयोग हरियाली और सब्जी पैदा करने में उपयोग कर रहे हैं।
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मिल रही ताजी और हरी पौष्टिक सब्जियां
इस तरह की खेती करने से लोगों को घर में ही हरी और ताजी पौष्टिक सब्जियां मिल रही हैं। इस सब्जी की सबसे बड़ी खासियत है कि इसका स्वाद बहुत बेहतर होता है और यह आसानी से पक भी जाती है। शास्त्रीनगर जे ब्लाक निवासी शरद बताते हैं कि कोरोना संक्रमण काल में लगे लॉकडाउन के बाद से उन्होंने और कालोनी के सभी लोगों ने अपने गार्डन में ही हरी सब्जियों की खेती शुरू कर दी है। इसमें धनिया,मूली, गोभी ,बैगन के अलावा और भी सब्जियां हैं। इसी तरह से रजनी कहती हैं कि उन्हें सब्जियों के लिए अब बाजार जाने की जरूरत नहीं होती। अब तो वे अपने छोटे से गार्डन में ही घर पर बनाने के लिए हरी सब्जियां उगा लेती हैं। इससे एक तो ताजी सब्जियां मिलती हैं वहीं दूसरी ओर इस सब्जियों में किसी प्रकार का रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं होने से यह खाने में भी स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के लिए सेहतमंद होती है।
मिल रही ताजी और हरी पौष्टिक सब्जियां
इस तरह की खेती करने से लोगों को घर में ही हरी और ताजी पौष्टिक सब्जियां मिल रही हैं। इस सब्जी की सबसे बड़ी खासियत है कि इसका स्वाद बहुत बेहतर होता है और यह आसानी से पक भी जाती है। शास्त्रीनगर जे ब्लाक निवासी शरद बताते हैं कि कोरोना संक्रमण काल में लगे लॉकडाउन के बाद से उन्होंने और कालोनी के सभी लोगों ने अपने गार्डन में ही हरी सब्जियों की खेती शुरू कर दी है। इसमें धनिया,मूली, गोभी ,बैगन के अलावा और भी सब्जियां हैं। इसी तरह से रजनी कहती हैं कि उन्हें सब्जियों के लिए अब बाजार जाने की जरूरत नहीं होती। अब तो वे अपने छोटे से गार्डन में ही घर पर बनाने के लिए हरी सब्जियां उगा लेती हैं। इससे एक तो ताजी सब्जियां मिलती हैं वहीं दूसरी ओर इस सब्जियों में किसी प्रकार का रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं होने से यह खाने में भी स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के लिए सेहतमंद होती है।
किराए पर रखा माली सप्ताह में एक दिन करता है देखभाल
अपने गार्डन में बोई हुई हरी सब्जियों की खेती की देखभाल के लिए लोगों ने माली को रखा हुआ है। ये माली एक महीने के 500 रुपये लेता है और महीने में हर रविवार को आकर गार्डन में बोई सब्जियों की देखभाल करता है। इसमें वह गोबर की खाद के अलावा आर्गेनिक कम्पोस्ट खाद डालता है।
अपने गार्डन में बोई हुई हरी सब्जियों की खेती की देखभाल के लिए लोगों ने माली को रखा हुआ है। ये माली एक महीने के 500 रुपये लेता है और महीने में हर रविवार को आकर गार्डन में बोई सब्जियों की देखभाल करता है। इसमें वह गोबर की खाद के अलावा आर्गेनिक कम्पोस्ट खाद डालता है।