यह भी पढ़ेंः Mission 2019: सपा की पूर्व विधायक के कारण बसपा में हुर्इ उठापठक, पार्टी के इन दो बड़े नेताआें पर गिरी गाज रुचि वीरा के खिलाफ मायावती का एक्शन सपा की पूर्व विधायक रुचि वीरा 22 दिसंबर को बसपा में शामिल की गर्इ थी। उनके शामिल हाेने से पहले ही बसपा में विरोध शुरू हो गया था, क्योंकि रुचि वीरा बसपा में इस शर्त पर शामिल हो रही थी कि वह बिजनाैर लोक सभा सीट से बसपा से उम्मीदवार बनना चाह रही थी। सपा-बसपा गठबंधन के बाद बिजनौर सीट बसपा के खाते में आ रही है। इस स्थिति को भांपते हुए सपा की पूर्व विधायक रुचि वीरा ने बसपा ज्वाइन की थी। उनका विरोध बसपा के पूर्व विधायक इकबाल ठेकेदार आैर मुरादाबाद मंडल के मुख्य जोन प्रभारी जितेंद्र सागर ने किया था। इसके पीछे वजह यह थी कि पार्टी के पूर्व विधायक इकबाल ठेकेदार भी बिजनौर से लोक सभा चुनाव में उम्मीदवार बनना चाह रहे थे। मायावती ने दोनों को अनुशासनहीनता वजह बताते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसके बाद सपा विधायक रुचि वीरा को बसपा में शामिल किया था। निष्कासित बसपा के दोनों नेताआें ने जो आरोप लगाए थे, पार्टी हार्इकमान उन पर निगरानी रख रहा था। यही वजह है कि रुचि वीरा को अब पार्टी की बिजनौर लोक सभा प्रभारी पद से हटाने का निर्णय लिया गया।
यह भी देखेंः प्रभु यीशु के बाल्य रूप को देखने के लिए जुटे श्रद्धालु, देखें वीडियाे बीडीसी सदस्य ने हत्या का आरोप लगाया बिजनौर की बीडीसी सदस्य सरोज देवी ने आरोप लगाया है कि बसपा में शामिल की गर्इ रुचि वीरा ने उनके पति की हत्या करवार्इ है आैर यदि बिजनौर लोक सभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया तो परिवार समेत वह आत्मदाह कर लेंगी। बीडीसी सदस्य के पुत्र अंकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि ब्लाॅक प्रमुख चुनाव में उसकी मां का वोट अपने पक्ष में करने के लिए उसके घर पर हमला करवाया गया था आैर तीन फरवरी को उसके पिता की हत्या करा दी गर्इ थी। हालांकि रुचि वीरा ने इसे साजिश बताया है। पार्टी नेताआें का कहना है कि मामला अनुसूचित जाति का है, इसलिए इन आरोपों की जांच की जाएगी, लेकिन बिजनौर लोक प्रभारी के तौर पर फिलहाल कोर्इ प्रभारी नियुक्त नहीं है।