यह भी पढ़ेंः नवरात्र व्रत के दौरान कुट्टू की पूड़िय़ां खाने के बाद अस्पताल पहुंच गया परिवार, जानिए क्या वजह रही जानी थाना क्षेत्र के गांव जानी कला में वसीम अपने परिवार के साथ रहता है। वह मोबाइल टावर बनाने का काम करता है। उसके परिवार में पत्नी चांद के अलावा चार साल का बेटा अबूजर, तीन साल की बेटी आयत और एक आठ महीने का बेटा है। वसीम सुबह काम पर निकल जाता है। जिस समय हादसा हुआ वह अमृतसर काम करने गया हुआ था। वसीम के बड़े भाई गुलफाम ने बताया कि अबूजर और आयत दोपहर के समय टॉफी खरीदने के लिए पड़ोस की दुकान पर गए थे। लेकिन दोनों कई घंटे बाद भी जब वापस नहीं लौटे तो उनकी मां चांद दोनों की तलाश के लिए निकल पड़ी। पूरा गांव में दोनों मासूम बच्चों को तलाशने के बाद भी जब उनका कहीं पता नहीं चला तो अन्य ग्रामीण भी बच्चों की तलाश में निकल पड़े।
यह भी पढ़ेंः Weather Alert: मानसून विदाई की बारिश ने खुशनुमा बनाया मौसम, रात को ओस और ठंड का आगाज बच्चों को तलाश में मस्जिदों से ऐलान कराया गया। पूरे गांव में तलाश करवाई गई। देर शाम पड़ोसी गांव चंदौरा में लोगों ने रजवाहे में बच्चों के शव देखे। इसकी जानकारी जानी कलां गांव में दी गई। जिस पर काफी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और बच्चों के शव को निकालकर गांव लेकर आ गए। इसी दौरान पुलिस भी पहुंच गई, लेकिन ग्रामीणों ने शवों को पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया। सीओ सरधना पंकज सिंह ने बताया कि दो बच्चों की रजवाहे में डूबने से मौत होने की सूचना पर जानी पुलिस मौके पर गई थी। परिजनों ने शव हादसा बताकर पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया।