मेरठ. बीजेपी सीईसी की मीटिंग के बाद जो प्रत्याशियों की सूची जारी हुई है उससे यूपी का सबसे बड़ा वोट बैंक नाराज हो गया है। ताज्जुब की बात तो ये है कि इस वोट बैंक को भाजपा हमेशा से ही अपना कोर वोट बैंक मानती रही है, लेकिन उन्हीं के साथ भाजपा की ओर से बड़ा धोखा किया गया है। ये नाराजगी तब और बढ़ गई जब प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने में खुद पीएम मोदी बैठे हुए थे। इस वोट बैंक की ओर से मेरठ में एक बड़ी सभा होने जा रही है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर किस वोट बैंक की बीजेपी को खिलाफत झेलनी पड़ सकती है। भाजपा ने इन लोगों के साथ किया धोखा वेस्ट यूपी हमेशा से ही भाजपा को बाह्मणों, त्यागी और ठाकुरों का वोट मिलता आया है। खासकर मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर आदि जिलों में भाजपा को काफी सपोर्ट किया जाता है। 2014 के चुनावों में भाजपा ने इन लोगों के वोटों के दम पर ही 72 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन बाह्मणों को समझ में आ गया है कि बीजेपी ने उन्हें एक टूल की तरह ही इस्तेमाल किया है। यूपी विधानसभा चुनावों में ब्राह्मणों को पूरी उम्मीद थी कि इस बार ठीक-ठाक सीटें ब्राह्मणों को दी जाएंगी, लेकिन पहली लिस्ट जारी होते ही बाह्मणों के दिल पूरी तरह से टूट गए हैं। ये वोट बैंक अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है। पहली लिस्ट में सिर्फ 11 बाह्मणों को टिकट दिया गया है। वेस्ट यूपी में 17 फीसदी है वोट बैंक जानकारों की मानें तो वेस्ट यूपी में बाह्मणों और त्यागियों का वोट बैंक करीब 17 फीसदी है। जोकि बाकी वोट बैंक से काफी बेहतर है। इसलिए बीजेपी को इसका काफी फायदा भी होता रहा है। मेरठ ब्राह्मण महासभा के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने बताया कि ब्राह्मण वोट बैंक यूपी की राजनीति में धुरी की तरह का रहा है। कई लोगों को सीएम की कुर्सी तक पहुंचाने में अहम योगदान रहा है। ऐसे में आज इस वोट बैंक को किनारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आगरा के फतेहाबाद सीट से जितेंद्र वर्मा को टिकट दिया गया है। जबकि वो कुछ ही महीने पहले बीजेपी में शामिल हुए हैं। जबकि संतोष कटारा बीजेपी में काफी सालों से मेहनत कर रहे हैं। उन्हें टिकट दिया जाना चाहिए था, लेकिन उन्हें नहीं दिया गया। कल होने जा रही है ब्राह्मणों की बैठक वेस्ट यूपी के बाह्मणों की मीटिंग कल मेरठ में होने जा रही है। इस मीटिंग में बाह्मण एकता समिति और युवा बाह्मण समाज के लोग भी मौजूद रहेंगे। इस मीटिंग में तय किया जाएगा कि वो किस पार्टी के साथ जाएंगे। अशोक शर्मा ने बताया कि इस बार बीजेपी का विरोध किया जाएगा। क्योंकि उन्होंने हमारे साथ धोखा किया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि इस बारे में कहना थोड़ा मुश्किल होगा कि वो किस पार्टी की ओर जाएंगे, लेकिन इतना तय है कि जो पार्टी ब्राह्मणों को टिकट देगी वो ही पार्टी हमारी होगी। इसका मतलब साफ है कि इस बार भले ही वेस्ट यूपी में पहले चरण में चुनाव होने जा रहे हों। भाजपा इसे अपने फेवर में देख रही हो, लेकिन मोदी और बीजेपी के लिए राह आसान बिल्कुल भी नहीं है। इस पार्टी के साथ जा सकते हैं वैसे बसपा की ओर से अभी तक 30 से ज्यादा बाह्मणों को टिकट दिया गया है। जिससे बाह्मण समाज से संतुष्ट भी दिखाई दे रहे हैं। फिर भी उन्हें कांग्रेस की लिस्ट आने का इंतजार है। कांग्रेस यूपी में 100 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। अगर इनमें से 25 से 30 फीसदी टिकट बाह्मणों को मिलते हैं तो बाह्मणों का वोट कांग्रेस की ओर डायवर्ट हो जाएगा। वैसे भी इस बार कांग्रेस भी अपने कोर वोट बैंक को फिर से अपने फेवर में करने में जुटी हुई है। ऐसे में इस बार काफी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।