यह भी पढ़ेंः पति के जिले में तबादला करवाने में परिषदीय टीचर्स को हो रही देरी, अफसरों के पास जवाब नहीं यह भी पढ़ेंः मेरठ में बरामद हुआ हथियार का जखीरा और बुलेटप्रूफ जैकेट, संदिग्ध हुए पंचर कार से फरार यह भी पढ़ेंः हिंडन को प्रदूषित करने वाली यह चीनी मिल होगी बंद यह है खास बातें छठे चरण में खास बात यह है कि पांच सदस्यों को साल में 30 हजार रुपये का इलाज तो मिलेगा ही, इसके अलावा परिवार में 60 वर्ष से अधिक आयु के प्रति सदस्य को वार्षिक 30 हजार रुपये के इलाज की सुविधा अलग से दी जाएगी। योजना को लेकर जिला स्तर पर काम शुरू हो गया है। स्मार्ट कार्ड बनाने के लिए परिवारों का डाटा एकत्रित किया जा रहा है।
30 रुपये का पंजीकरण शुल्क आरएसबीवाई में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा मनरेगा श्रमिक परिवार, स्वच्छकार और रिक्शा चालकों को भी पंजीकृत कर योजना में शामिल करते हुए स्मार्ट कार्ड जारी किए जाएंगे। इसके लिए उनसे 30 रुपये का पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा।
यहां होगा सत्यापन इसके अंतर्गत पात्र परिवारों के सत्यापन की भी कवायद की जाएगी। इसके लिए फील्ड की आॅफिसर (एफकेओ) के रूप में आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम विकास अधिकारी तथा लेखपालों को नियुक्त किया जाएगा। ये गांवों में पहुंचकर पंजीकृत परिवारों की पात्रता का सत्यापन करेंगे। सीडीओ आर्यिका आखौरी ने बताया कि पात्र परिवारों के चयन की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को लगाया गया है।
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