मेरठ

बोतलबंद पानी हो या आरआे का, इसे पढ़ें तभी पीने का निर्णय लें

बोतलबंद पानी में प्लास्टिक के कणों की उपस्थिति, होम्योपैथी जनरल की रिपोर्ट में खुलासा

मेरठMar 17, 2018 / 07:42 pm

sanjay sharma

केपी त्रिपाठी, मेरठ। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों पर बिकने वाला बोतलबंद पानी का प्रयोग हर कोई कहीं न कहीं करता ही है। इसके प्रयोग से बचा भी नहीं जा सकता। कहीं न कहीं इसके प्रयोग की जरूरत पड़ ही जाती है। लेकिन इसका अधिक प्रयोग करने वाले क्या यह जानते हैं कि इसके अधिकांश प्रयोग से आपको क्या-क्या बीमारी हो सकती है। लोग बोतल बंद पानी का प्रयोग अपने को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से पीते हैं, लेकिन अधिकांश लोग यह नहीं जानते कि वह इनके खराब स्वास्थ्य का कारण भी बन रहा है। मेरठ के होम्योपैथी चिकित्सक डा. रजनीश भारद्वाज के अनुसार होम्योपैथी जनरल की जो रिपोर्ट आई है वह काफी चौंकाने वाली है। उन्होंने बताया कि आप जिस ब्रांडेड बोतल का पानी पीते हैं वह आपके शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है। जनरल के अनुसार रिपोर्ट में बताया गया है कि 90 प्रतिशत बोतलबंद पानी में प्लास्टिक के सूक्ष्म कण यानी माइक्रो प्लास्टिक मिले हैं। ये पानी की बड़ी बोतलबंद कंपनियां हैं।
डा. रजनीश के अनुसार बोतल के पानी की तुलना में नल का पानी ज्यादा साफ होता है। जिन शहरों के बोतलबंद पानी को टेस्ट किया गया उनमें गाजियाबाद, दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, चेन्नई, कोलकाता, मुंबई, नागपुर, जयपुर सहित देश के अन्य शहरों से नमूने लिए गए। लैब में टेस्टिंग के दौरान पानी के भीतर प्लास्टिक के पार्टस पाए गए। इस रिपोर्ट के मुताबिक टेस्ट के दौरान एक लीटर की बोतल में 10.4 माइक्रोप्लास्टिक पार्टिकल्स पाए गए। यह साधारण नल के पानी में पाए गए प्लास्टिक कणों की तुलना में दोगुना है।
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ढक्कन बनाने वाला प्लास्टिक मौजूद

रिपोर्ट के मुताबिक बोतलबंद पानी में पाए गए प्लास्टिक के अवशेषों में पॉलीप्रोपाइलीन, नायलॉन और पॉलीइथाईलीन टेरेपथालेट शामिल हैं। इन सबका इस्तेमाल बोतल का ढक्कन बनाने में होता है। रिपोर्ट के अनुसार पानी में ज्यादातर प्लास्टिक पानी को बोतल में भरते समय आता है। यह बोतल और उसके ढक्कन से आ जाता है।
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खराब होता है पेट का एम्यून सिस्टम

डा. रजनीश भारद्वाज के अनुसार बोतलबंद पानी पीने से शरीर के बीमारी से लडने की क्षमता 50 प्रतिशत कम हो जाती है। बोतल बंद पानी हो या घर में लगा आरओ आजकल सभी बीमारियां परोस रहे हैं। मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज के यूरोलॉजी विभाग के सीनियर कंसलटेंट डॉ. शैलेश चंद्र सहाय के अनुसार दूषित पानी पीने से मूत्र पथरी होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। वह दूषित पानी चाहे बोतलबंद का हो या फिर नल का। बेहतर है कि पानी को उबालकर पिया जाए। पानी को उबालकर पीने से सभी हानिकारक बैक्टीरियां मर जाते हैं। दूषित पानी पीने से मूत्र संक्रमित हो जाता है तो ऐसे में बुखार भी आ सकता है। इस तरह कि शिकायत होने पर डाॅक्टर के पास जाकर कुछ बेसिक टेस्ट अल्ट्रासाउंड केयूबी, सीटी स्कैन एब्डोमेन और आईवीयू (इंट्रावेनस यूरोग्रफी) के माध्यम से इसका पता लगाया जा सकता है।
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