योगी सरकार भले ही शिक्षा पर करोडों रुपये बहाए, स्कूली बच्चों को मुफ्त किताबे और उनके विकास के लिए अन्य सामग्री उपलब्ध कराये। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इसमें पलीता लगा रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि बच्चों को किताबे और ड्रेस तक वितरण नहीं की जा सकी है। ऐसा ही लापरवाई का सच सामने आया है बागपत के शिक्षा विभाग का।
बता दें कि बागपत में पिछले वर्ष अप्रेल माह में जिले को करीब 24 हजार किताबें नव साक्षरों के लिए भेजी गई थीं। इन किताबों को सिसाना के प्राथमिक विद्यालय में रखवा दिया गया। लेकिन इसके बाद इनकी किसी ने सुध नहीं ली। किताबें सिसाना के स्कूल में रखी रही और बच्चे बिना किताब के ही अपनी पढ़ाई करते रहे।
यह भी देखें : इस शहर में अपराधियों को नहीं पुलिस का खौफ,मुखबिर को गोलियों से भूना अध्यापकों का कहना है कि अभी तक भी उनको किताबे नहीं मिली है और एक ही किताब से कई बच्चों को पढ़ाना पड़ रहा है। लापरवाही का आलम यह है कि जिले को 24 हजार किताबे मिली और बच्चे किताबों से वंचित रहे। अब बरसात के मौसम में जब ये किताबे नष्ट होने लगी तो शासन के डर से इनको वितरण करने की तैयारी चल रही है। बीएसए चंद्रकेश यादव का कहना है कि किताबों को बीआरसी केंद्रों पर भिजवाना शुरू कर दिया गया है। जल्द ही इनका वितरण कर दिया जायेगा।