यह भी पढ़ेंः प्रियंका ने बदली तस्वीर, वेस्ट यूपी की इस अहम सीट पर टिकट की लाइन में थे 25 उम्मीदवार! अधिवक्ता होने के नाते करेंगे बेंच की पैरवी ओम प्रकाश शर्मा मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं। उनकी गिनती मेरठ ही नहीं पश्चिम उप्र के तेजतर्रार अधिवक्ताओं में होती हैं। पश्चिम उप्र में हाईकोर्ट बेंच समिति से भी जुड़े रहे हैं। इसलिए अधिवक्ताओं में भी ओम प्रकाश शर्मा को प्रत्याशी घोषित होने को लेकर खुशी की लहर हैं। अधिवक्ताओं का मानना है कि ओम प्रकाश शर्मा के जीतने से सदन में उनकी बात मजबूती से रखने वाला कोई तो होगा।
यह भी पढ़ेंः Breaking: कांग्रेस ने चौथी लिस्ट जारी की, मेरठ से ब्राह्मण कार्ड खेलकर भाजपा की बढ़ार्इ मुश्किलें मेरठ में हैं इतनी ब्राहमण वोट मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर ब्राह्मण मतदाताओं की भी अच्छी खासी तादात है। मेरठ की किठौर, मेरठ शहर, मेरठ दक्षिण, सिवालखास, मेरठ कैंट में करीब 10 फीसदी ब्राह्मण वोट हैं। जिसका लाभ सीधे कांग्रेस को मिलेगा। इतना ही नहीं मेरठ में आज भी कुछ मुस्लिम तबका अपने आप को पुराना कांग्रेसी ही मानता है। जो अब तक कांग्रेस से जुड़ा हुआ है। बसपा नेता और पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी के भाई यूसूफ कुरैशी पुराने कांग्रेसी नेताओं में गिने जाते हैं। कांग्रेसी नेता अभिमन्यु त्यागी ने बताया कि ओमप्रकाश शर्मा के चुनाव मैदान में उतरने से कांग्रेसियों में जबरदस्त उत्साह हैं। वे मेरठ सहित पश्चिम उप्र में हाईकोर्ट बेंच की मांग का मुद्दा लोकसभा में जोरशोर से उठाएंगे।
प्रत्याशी घोषणा में भाजपा को आ रहे पसीने ओमप्रकाश शर्मा के चुनाव मैदान में उतरने से भाजपा को मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट में प्रत्याशी घोषणा करने में पसीने आ रहे हैं। जिस हिन्दू वोट बैंक पर भाजपा अपना हक जता रही थी। ओमप्रकाश शर्मा के आने से कहीं न कहीं उसमें कांग्रेस ने सेंधमारी की है।