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राममय माहौल बनाने की तैयारी कल्याण कलश यात्रा के जरिए जहां एक ओर संघ और भाजपा फिर से प्रदेश में राममय माहौल तैयार करने की कोशिश करेंगे। वहीं दूसरी ओर पिछले 10 महीने से चल रहे किसान आंदोलन की धार को भी कुंद करने की पुरजोर कोशिश होगी। कल्याण कलश यात्रा के जरिए किसानों के बीच भी पैठ करने की भाजपा की कोशिश होगी। जिससे नाराज और असंतुष्ट किसानों को मनाया जा सके। एक सितंबर को होगा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री और राम मंदिर आंदोलन के पुरोधा रहे कल्याण सिंह का लंबी बीमारी के बाद गत 21 अगस्त को लखनऊ में निधन हो गया था। उनके पार्थिव शरीर को नरौरा में मुखाग्नि दी गई। अब 27 अगस्त को नरौरा में कल्याण सिंह के अस्थि फूल चुने जाएंगे और एक सितंबर को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें तमाम बड़े नेता शामिल होंगे और पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद कल्याण कलश यात्रा निकाली जाएगी।
कार्यक्रम को सफल बनाएगी भाजपा कल्याण कलश यात्रा के बारे में भाजपा पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष मोहित बेनीवाल से बात की गई तो उनका कहना था कि अभी इस बारे में किसी तरह का पार्टी का कार्यक्रम नहीं आया है। जैसे ही कोई कार्यक्रम आता है तो पश्चिमी क्षेत्र की भाजपा टीम इस यात्रा को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।