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गौरतलब है कि राजेन्द्र अग्रवाल मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से पिछले दस साल से सांसद हैं। वायरल फोटो में जनता उनके दस साल के कार्यकाल में हुए विकास का हिसाब मांग रही है। इस बारे में सांसद और उनके प्रतिनिधि कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। सांसद राजेन्द्र अग्रवाल को फोन मिलाया गया, लेकिन उनका फोन नहीं उठा। वहीं उनके प्रतिनिधि और निजी सचिव हर्ष गोयल का कहना है कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। यह भी पढ़ें
आजम खान पर लगे ये गंभीर आरोप, योगी सरकार कस सकती है शिकंजा दरअसल, मेरठ के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल 2009 में मेरठ संसदीय क्षेत्र के नए परिसीमन के बाद सांसद चुने गए थे। नए परिसीमन के अनुसार मेरठ संसदीय क्षेत्र से सरधना विधानसभा को हटाकर मुजफ्फरनगर संसदीय क्षेत्र में जोड़ दिया गया था। जबकि मेरठ में गाजियाबाद की हापुड़ विधानसभा को जोड़ दिया गया था। वर्तमान में हापुड़ खुद जिला है। 2009 में हुए आम चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी राजेन्द्र अग्रवाल बंपर वोटों से विजयी हुए थे। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी में उनके खिलाफ विरोधी स्वर उठने के बाद भी नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताया था। मोदी लहर होने के कारण राजेन्द अग्रवाल 2014 में भी भारी मतों से विजयी हुए थे। उनके गोद लिए गांवों में अगवान पुर चट्टावन और बहादरपुर में भी विकास नाममात्र का हुआ है। क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि हमारे प्रिय सांसद समाचार पत्रों में फीता काटते और उद्घाटन करते तो दिख जाते हैं, लेकिन कभी मेरठ के विकास के लिए प्रयासरत नहीं दिखे। गौरतलब है कि सांसद राजेन्द अग्रवाल मेरठ स्वच्छता समिति के लिए गठित नौ रत्नों की टीम में भी शामिल हैं।