मेरठ

सावन में बिल्व पत्र का है विशेष महत्व, शिवलिंग पर अर्पित करने से भोलेनाथ की बरसेगी कृपा

भगवान शिव की उपासना के लिए सावन का महीना होता है सर्वश्रेष्ठ

मेरठJul 29, 2018 / 09:08 am

sanjay sharma

सावन में बिल्व पत्र का है विशेष महत्व, शिवलिंग पर अर्पित करने से भोलेनाथ की बरसेगी कृपा

मेरठ। शनिवार से सावन का पवित्र महीना शुरू हो गया। इसके साथ ही शुरू हो गई भगवान भोलेनाथ की अराधना पूजा। भारतीय शास्त्रों के अनुसार पूरा महीना भगवान शिव की भक्ति का होता है। मान्यता है की इस माह में भगवान शिव की उपासना की जाए तो वह अपने भक्तों की इच्छाओं को जरूर पूरा करते हैं। इस माह में बड़ी संख्या में लोग भगवान शिव का पूजन करते हैं। पंडित कमलेश्वर के अनुसार ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की उपासना यदि बिल्व पत्र (बेल पत्र) से की जाए तो वह अत्यंत प्रसन्न होते हैं। इस माह में लोग बिल्व पत्र को भी शिवलिंग पर चढ़ाते हैं तथा पूजन करते हैं। हिंदू धर्म के शिवपुराण में इस बात का उल्लेख है कि भगवान शिव बेल पत्र सहित पूजन करने पर बहुत प्रसन्न होते हैं, लेकिन बिल्व पत्र चढ़ाने के पीछे आखिर क्या कारण है और किन तिथियों को इनको पेड़ से नहीं तोड़ना चाहिए। इन सभी बातों को बता रहे हैं पंडित कमलेश्वर आइये जानते हैं बिल्व पत्र से जुड़े कुछ विशेष तथ्य।
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इसलिए चढ़ाया जाता है बिल्व पत्र

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले हलाहल विष का सेवन किया था। अतः यदि कोई बिल्व पत्र के साथ भगवान शिव का पूजन करता है तो वह उनके मस्तक को ठंडक पहुंचाने जैसा ही कार्य करता है। इस कार्य से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं।
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तोड़ते समय इन बातों का रखे ध्यान

बहुत से लोग बिल्व पत्र लेते समय या तोड़ते समय कुछ बातों का ध्यान नहीं रखते। जिस कारण कटे-फटे बिल्व पत्र तोड़कर शिव को चढ़ा दिए जाते हैं। जिसे अशुभ माना गया है। बिल्व पत्र तोड़ते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए की उसमें तीन पत्तियां ही हों। इसके अलावा यह कटा या खराब नहीं होना चाहिए। यदि आप बेलपत्र चढ़ाते समय जल भी चढ़ाते हैं तो भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं।
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इन तिथियों को न तोड़े बिल्व पत्र

बिल्व पत्र के संबंध में यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि इसको पूर्णिमा, अमावस्या, संक्रांति, चतुर्दशी, सोमवार तथा अष्टमी को नहीं तोड़ना चाहिए। सावन माह में यदि आप प्रतिदिन बिल्व पत्र चढाते हैं और ये तिथियां जब भी पड़े उससे एक दिन पहले बिल्व पत्र तोड़कर रख लें। इसके अलावा आप इस बात का भी ध्यान रखें की बिल्व पत्र को सिर्फ भगवान शिव पर ही चढ़ाया जाता है।
घर में बिल्व पत्र का वृक्ष लगाने से कीर्ति

जिस घर में बेल वृक्ष लगा होता है। उस घर में भगवान शिव की कृपा सभी सदस्यों पर बनी रहती है। बेल वृक्ष को यदि आप उत्तर-पश्चिम दिशा में लगाते हैं तो आपको अपने जीवन में कीर्ति प्राप्त होती है। इसके अलावा उत्तर-दक्षिण में लगाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। इसके अलावा यदि आप बेल वृक्ष को घर के मध्य में लगाते हैं तो घर में धन तथा सुख -समृद्धि का वास हमेशा बना रहता है।

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