स्वयं सहायता समूह गठित कर उनको रोजगार देने तथा शहरी एरिया के सफाई कर्मियों को जोड़कर उनका आर्थिक उत्थान करने काम भी आजीविका केंद्र में किया जाएगा। इन आजीविका केंद्र के खुलने से बागपत, बड़ौत, खेकड़ा, अग्रवाल मंडी, टटीरी, अमीनगर सराय, छपरौली, दोघट, टीकरी कस्बों के हजारों गरीब बेरोजगारों को स्वरोजगार मिलने का रास्ता आसान हो गया है। स्वयं सहायता समूह सदस्यों को स्वरोजगार करने को किसी ट्रेड में प्रशिक्षण, गुणवत्तायुक्त उत्पाद तैयार करने की तकनीक बताना, उत्पाद की मार्कीटिग करने का फंडा समझाना, बैंक से कर्ज प्राप्त करने की जानकारी देना, सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने और ट्रेड कामगारों को रोजगार से जोड़ने जैसी मदद की जाएगी। सीडीओ पीसी जायसवाल का कहना है कि परियोजना अधिकारी को आजीविका केंद्र खुलवाने की कार्रवाई शुरू कराने की हिदायत दी गई है। इसके लिए प्रशासन स्तर पर तैयारियां भी शुरू कर दी गयी है। इस योजना से ऐसे बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा, जो खुद के पैरों पर खड़ा होना चाहते हैं और मेक इंन इंडिया में अपना योगदान देना चाहते हैं।