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भीम आर्मी स्टूडेंट्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के डा0 सुशील गौतम ने मंच से कहा कि आज प्रशासन और सरकार दलितों के ऊपर अत्याचार कर ही है। एक सोची समझी रणनीति के तहत दलितों पर हमले हो रहे हैं। भाजपा सरकार में दलितों पर अत्याचार बढ रहे हैं। दलितों को कुचलने का प्रयास किए जा रहे हैं। जातीय संघर्ष इसी का ही हिस्सा है। भाजपा सरकार के इस षड्यंत्र के खिलाफ दलितों को एकजुट होना होगा। यदि रोहित के परिजनों को न्याय नहीं मिला तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने मांग की कि पीड़ित पक्ष पर दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए।
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भीम आर्मी ने मृतक के परिवार को दो शस्त्र लाइसेंस देने, मृतक के परिजनों को मुआवजा देने, मृतक आश्रित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने आदि की मांग की। पंचायत के बाद भीम आर्मी के सदस्य भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट में घुस गए। इसी बीच पुलिस ने उन्हें कलक्ट्रेट में घुसने से रोकने की कोशिश की जिससे दोनों पक्षों में नोकझोंक हुई। स्थिति गंभीर होती देख पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा। कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचते ही भीम आर्मी कार्यकर्ताओं के द्वारा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की गई। साथ ही भाजपा पर दलितों के खिलाफ अत्याचार करने के आरोप लगाए। भीम आर्मी कार्यकर्ताओं के पास पहुंचे एसडीएम ने उनसे ज्ञापन लिया और उनकी मांगों को पूरा कराने का आश्वासन दिया।