मेरठ

भीम आर्मी ने बसपा सुप्रीमो से जोड़ा ये रिश्ता तो दलित समाज हुआ खफा, देखें वीडियो

दलित चिंतक ने चंद्रशेखर को संभलकर बोलने की सलाह दी

मेरठNov 23, 2018 / 10:11 am

sanjay sharma

भीम आर्मी ने बसपा सुप्रीमो से जोड़ा ये रिश्ता तो दलित समाज हुआ खफा

मेरठ। भीम आर्मी अपने आप को दलितों का बड़ा शुभचिंतक मान रही है। वहीं जेल से छूटकर आने के बाद भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने भी अपने आपको दलिताें का बड़ा मसीहा मान लिया और अपनी तुलना बसपा सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से कर डाली। इतना ही नहीं चंद्रशेखर ने मायावती को अपनी बुआ तक करार दिया। जिस पर मायावती ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और कहा कि वे किसी की बुआ नहीं है। बात यहीं नहीं खत्म हो जाती। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर द्वारा मायावती से ऐसा रिश्ता जोड़े जाने से दलित समाज में रोष है।
यह भी पढ़ेंः सपा नेता की बहन के यहां डकैती के वांछित को पकड़ने पहुंची थी पुलिस, भीड़ ने किया ये हाल तो मच गया हड़कंप

बहन जी के लिए ये शब्द नहीं कहने चाहिए

दलित चिंतक भी चंद्रशेखर द्वारा किए गए इस संबोधन से इत्तेफाक नहीं रखते। दलित चिंतकोें का कहना है कि चंद्रशेखर को बहन जी के बारे में ऐसा शब्द नहीं कहना चाहिए था। दलित चिंतक डा. सतीश का कहना है भीम आर्मी को चंद्रशेखर जी जिस तरीके से लेकर आए और दलित मूवमेंट को उन्होंने धार दी। इसकी हमेशा एक पहचान बनी रही। वह जैसे ही जेल से बाहर आए उससे लोगों को बहुत उम्मीद थी। उन्होंने बाहर आते ही वहां पर टकराव लिया जहां पर उन्हें नहीं टकराना चाहिए था। मायावती जी को बुआ जी कहना पता नहीं उनकी क्या मजबूरी रही है।
यह भी पढ़ेंः केबीसी से इतनी राशि जीतकर लौटी इस बेटी ने भाजपा नेताआें पर जताया गुस्सा, कह दी इतनी बड़ी बात

चंद्रशेखर को संभलने की सलाह

डा. सतीश ने कहा कि चंद्रशेखर को समझना चाहिए कि वे एक पब्लिक लाइफ जी रहे हैं। पब्लिक लाइफ में रिश्ते पीछे छूट जाते हैं और शब्दों का चयन काफी सोच-समझकर करना होता है। उनका मानना है कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती आज जहां पर हैं उनको यहां तक पहुंचने में करीब 25-30 साल लग गए जबकि चंद्रशेखर जिस मुकाम में है उस तक उनको पहुंचने में मात्र 20 से 25 महीने का ही समय लगा। ऐसे में चंद्रशेखर को अभी संभलना होगा। उनको क्या बोलना है और किसके लिए क्या शब्द प्रयोग करना है इस पर पूरा ध्यान देना होगा।
यह भी देखेंः VIDEO: योगी के अफसर नहीं पहुंचे बैठक में, व्यापारी हुए बहुत नाराज

इससे दलित समाज में है रोष

उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर ने जिस तरह से बहन जी मायावती के लिए यह शब्द प्रयोग किया उससे दलितों में रोष है। दलित चिंतक ने कहा कि यह ठीक है कि चंद्रशेखर दलित मूंवमेंट को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। वे दलित समाज के लिए अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही उन्हें सावधान रहना होगा। खासकर कुछ भी बोलने से पहले। उन्होंने कहा कि राजनीति और पब्लिक लाइफ में जो भी बोला जाता है उसके कई मतलब निकल आते हैं। इससे चंद्रशेखर को बचना होगा। तभी वे दलित मूवमेंट को और दलित राजनीति को तेज धार दे पाएंगे।

Hindi News / Meerut / भीम आर्मी ने बसपा सुप्रीमो से जोड़ा ये रिश्ता तो दलित समाज हुआ खफा, देखें वीडियो

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.