यह भी पढ़ेंः Police Encounter: योगी सरकार के आने के बाद मेरठ जोन में मुठभेड़ में मारे गए अब तक 51 कुख्यात बदमाश बरामद हथियार देखकर पुलिस परेशान इन अत्याधुनिक प्रतिबंधित बोर के अवैध हथियारों ने पुलिस और प्रशासन को परेशान कर दिया है। आखिर ये अत्याधुनिक हथियार वेस्ट यूपी की जरायम दुनिया में कहां से पहुंच रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भी मेरठ पुलिस द्वारा छापेमारी में कई अवैध हथियारों की फैक्ट्री पकड़ी गई। जिसमें अत्याधुनिक प्रतिबंधित बोर की पिस्टल और अन्य स्वचालित हथियार बरामद हुए थे।
यह भी पढ़ेंः Police Encounter: कुख्यात सांडू को छुड़ाने का सौदा जिंदगी की आखिरी डील साबित हुर्इ इस इनामी बदमाश की दो साल में इतने हथियार बरामद खुफिया तंत्र द्वारा की गई जांच में भी कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। अप्रैल 2016 से मार्च 2018 तक के आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान मेरठ जिले से 500 अवैध हथियार बरामद हुए। इनमें तमंचे से लेकर अत्याधुनिक हथियार तक शामिल थे। अवैध हथियारों में तमंचे, पिस्टल और रिवॉल्वर की सबसे अधिक डिमांड हैं। बरामद हथियारों में प्रतिबंधित बोर के हथियार मिलना चौंकाने की बात है, जिसका प्रयोग भारतीय सेना के अलावा देश के अन्य सुरक्षा बलों को करने का अधिकार है।
यह भी पढ़ेंः Breaking: मेरठ में बाइक की कैंटर से टक्कर में चार दोस्तों की दर्दनाक मौत, मच गया कोहराम, देखें वीडियो पाकिस्तान और अफगानिस्तान तक जुड़े हैं तार प्रारंभिक जांच में सामने आया था कि ये प्रतिबंधित बोर के अत्याधुनिक हथियार अपराधी हथियारों के सौदागरों से खरीदते हैं। जिनके तार नेपाल, पाकिस्तान और अफगानिस्तान तक जुड़े हुए हैं। फरवरी 2019 में मेरठ में पकड़े गए अवैध हथियारों के साथ एक शख्स ने इसका खुलासा किया था। खुफिया विभाग के इनपुट के मुताबिक मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर और हापुड़ अवैध हथियारों की बड़ी मंडी हैं। एलआईयू की रिपोर्ट के अनुसार एक साल में मेरठ जोन में करीब 10 हजार से अधिक अवैध हथियारों की खपत होती है।
यह भी पढ़ेंः Police Encounter: स्कार्पियो लूट के बाद पुलिस की घेराबंदी में दो कुख्यात बदमाश मुठभेड़ में ढेर, सीआे आैर सिपाही घायल, देखें वीडियो अपराध और अवैध हथियारों का नाता पश्चिम उप्र में चीनी मिलों के ठेकों के अलावा भू-अधिग्रहण और विकास के कारण क्राइम के ग्राफ में भी बढ़ोतरी होती रही है। पुलिस के जानकार बताते हैं कि आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने में आमतौर पर अवैध अत्याधुनिक हथियारों का ही प्रयोग किया जाता है। अपराधी हथियारों के उपयोग में यूज एंड थ्रो पर भरोसा करते हैं। चूंकि लाइसेंसी हथियार का इस्तेमाल होने से पकड़े जाने का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए बड़े क्राइम असाइनमेंट के लिए प्रतिबंधित बोर या फिर कट्टे का इस्तेमाल अधिक होता है।
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा इस बारे में एडीजी प्रशांत कुमार से जब बात की तो उनका कहना था कि अपराधियों का कनेक्शन एक स्टेट से दूसरे स्टेट तक होता है। ऐसे में यह प्रतिबंतिध बोर इन तक पहुंचना आसान हो जाता है। हालांकि पुलिस इसकी जांच कर रही है। आधुनिक हथियार का मिलना वाकई बड़ी बात है। इसके लिए अलग से जांच करवाई जाएगी।