बुलंदशहर हिंसा: सोशल मीडिया के सहारे पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 4 आरोपियों को ऐसे किया गिरफ्तार आजम खान से जब पूछा गया कि क्या आप राम मंदिर निर्माण का समर्थन करेंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हमारे मुखालफत करने से भी क्या हो जाएगा, 6 दिसंबर 1992 को हम क्या कर सके थे। सुप्रीम कोर्ट कुछ नहीं कर सकी थी, हाईकोर्ट कुछ नहीं कर पाया था, वह बड़ा मामला था। हम पहले दिन से कहते आए हैं कि किसी को कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए। अदालत का फैसला मानिए, इसमें क्या परेशानी है। वहीं आजम खान ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को खासतौर पर हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी धार्मिक सभा या ऐसी किसी राजनीतिक सभा से बचें, जिससे दूसरे समुदाय के लोगों को मुसलमानों के खिलाफ एकजुट होने का अवसर मिल सके।
यूपी के इस डीएम ने की बड़ी कार्रवाई, भाजपा सरकार की एजेंसियों के खिलाफ ही ठोका केस, देखें वीडियो- उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि उनका हनुमान जी से कोई झगड़ा नहीं है, लेकिन योगी का अली से झगड़ा है। इसके लिए वह उन्हें माफ करते हैं। वहीं आजम खान ने पांच राज्यों के चुनावी नतीजों पर कहा कि चंद रोज पहले फासिस्ट ताकतों को एक बड़ी हार मिली है, इस बात की हम सभी को जानकारी है। हम सबको यकीन है कि अभी देश का सेकुलरिज्म बाकी है। यह किसी पार्टी की हार और जीत नहीं हुई। इस वक्त एक विचारधारा हारी है। जो नतीजे आए हैं उसमें सबसे मजबूत नतीजा एक ऐसे राज्य का है, जिसके बारे में खुद विरोधियों का मानना था कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार छत्तीसगढ़ से खत्म नहीं हो सकती है, लेकिन बीजेपी का सबसे बड़ा नुकसान छत्तीसगढ़ में हुआ है।