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इंस्पेक्टर और हेड कांस्टेबल पर दर्ज हुआ था मुकदमा बता दें 31 अगस्त को 30 हजार की रिश्वत लेते सदर थाने के हेड कांस्टेबल मनमोहन सिंह को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में कांस्टेबल ने बताया था कि इंस्पेक्टर सदर बिजेंद्र सिंह राणा के कहने पर रिश्वत ली है। इसके बाद दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। ट्रक मालिक ने लगाया हापुड़ के एएसपी पर आरोप मामले में सोमवार को पुलिस अधिकारियों के पास आए ट्रक मालिक इमरान के शिकायती पत्र ने खलबली मचा दी। पत्र में बताया गया है कि एएसपी हापुड़ इंस्पेक्टर बिजेंद्र को बचा रहे हैं। इंस्पेक्टर के पक्ष में उससे जबरन शपथ पत्र भी लिया है। यह चिट्ठी एसएसपी मेरठ और सदर बाजार थाने में भी भेजी गई है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी का कहना कि मैंने अभी डाक से आने वाला पत्र नहीं देखा है। पत्र के साथ एएसपी की भी जांच होगी। पत्र लिखने वाले इमरान का कहना है कि उसका ट्रक चार फरवरी को चोरी हुआ था। इंस्पेक्टर बिजेंद्र ने उसे दो दिन थाने की हवालात में बंद करके बहुत पीटा और मुझसे जबरन बुलवाया कि ट्रक चोरी का फर्जी मुकदमा दर्ज कराया है। उसने वीडियो भी बनाई।
एंटी करप्शन कोर्ट में वकार ने दिया था बयान पुलिस अधिकारियों को दो सितंबर को मैंने ही चिट्ठी भेजी। एएसपी हापुड़ का नाम मेरे वकील ने लिख दिया। मैं अनपढ़ हूं, मुझे नहीं पता चला कि एएसपी का नाम कैसे लिखा है। रिश्वत लेने और शपथ पत्र की बात इंस्पेक्टर बिजेंद्र के बारे में लिखने को कहा था। इंस्पेक्टर और हेड कांस्टेबल के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराने वाले वकार के मंगलवार को कोर्ट में 164 के बयान दर्ज हो गए। वकार ने मुकदमे का समर्थन करते हुए बयान दिया है। उसने कहा कि इंस्पेक्टर सदर ने उसको पीटा, अवैध तरीके से हिरासत में रखा और रिश्वत ली है। वहीं सर्वेश कुमार मिश्रा का कहना है कि उनका इमरान या उसके रिश्तेदार से मेरा कोई भी लेनादेना नहीं है। वे तो इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा को भी नहीं जानता। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
BY: KP Tripathi
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