मेरठ

काश्मीर में शहीद हुए मेरठ के लाल को श्रद्धांजलि देने उमड़े लोग,बेटे ने दी मुखाग्नि

Meerut son martyred in Kashmir मेरठ का एक और लाल देश के ऊपर शहीद हो गया। देश के ऊपर शहीद हुए मेरठ के इस बेटे का नाम अनिल है जो मेरठ गढ़ रोड हसनपुर कला के निवासी हैं। अनिल मंगलवार को जम्मू-काश्मीर में शहीद हुए थे। आज उनका शव जब हसनपुर कला गांव पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया। शहीद जवान अनिल का अंतिम संस्कार आज किया गया। शहीद अनिल के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि उनके बेटे आरव ने दी। इस दौरान सेना के जवानों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

मेरठAug 18, 2022 / 08:49 pm

Kamta Tripathi

काश्मीर में शहीद हुआ मेरठ का लाल, शहीद को बेटे ने दी मुखाग्नि

Meerut son martyred in Kashmir मेरठ गढ़ रोड स्थित गांव हसनपुर कला निवासी अनिल सेना में आरआर 58 बटालियन में जम्मू काश्मीर में तैनात थे। गत मंगलवार को हुए एक हादसे में जवान अनिल शहीद हो गए। आज गुरुवार को शहीद जवान अनिल का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा तो पूरा गांव बेटे की अंतिम विदाई के उमड़ पड़ा। हर गांववासी की आंख में अपने शहीद बेटे से बिछड़ने का गम दिखाई दे रहा है। वहीं गांव के युवाओं ने अपने शहीद भाई अनिल के लिए जोरदार नारेबाजी की। जवान अनिल का शव जब पैतृक गांव पहुंचा तो वहां कुछ देर शव को अंतिम दर्शन के लिए रोकने के बाद गांव के श्मशान घाट पर सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

इस दौरान शहीद अनिल का गांव और आसपास गांव के ग्रामीण भी उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पडे़। शहीद के सम्मान में गांव के चारों ओर युवाओं और ग्रामीणों का हुजूम दिखाई दे रहा था। शहीद अनिल को उनके बेटे आरव ने मुखग्नि दी। अंतिम संस्कार के दौरान शहीद अनिल को उनके पार्थिव शरीर के साथ आए सेना के जवानों द्वारा अंतिम सलामी दी गई। गांव में शहीद के परिजनों को सात्वना देने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुटी रही। मेरठ गढ ़रोड स्थित हसनपुर कला गांव निवासी अनिल कुमार पुत्र ऋषि पाल राष्ट्रीय राइफल 58 में तैनात थे। वर्तमान में अनिल की तैनाती जम्मू कश्मीर में में थी। गत 9 अगस्त को जवान अनिल का पैर फिसलने के कारण वह घायल हो गए थे। जवान अनिल के सिर में गंभीर चोट आई थी। जवान अनिल का सेना के अस्पताल में उपचार चल रहा था। गत 16 अगस्त को सेन्य अस्पताल में इलाज के दौरान अनिल की उपचार के दौरान मौत हो गई।

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शहीद जवान अनिल कुमार के तीन बच्चे हैं। शहीद अनिल कुमान के दूसरे भाई सुनील भी सेना में हैं। परिजनों को जैसे ही अनिल को चोट लगने की सूचना मिली तो सभी लोग अस्पताल पहुंचे थे। परिजनों के अनुसार सिर में अधिक चोट लगने के कारण ही उनकी मृत्यु हुई है। आज गुरुवार को गांव में जैसे ही सैनिक का पार्थिव शरीर पहुंचा तो पूरा गांव शोक में डूब गया। सैनिक का पैैतृक गांव के श्मशान घाट पर ही पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान शहीद अनिल के बेटे आरव ने पिता को मुखाग्नि दी।

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