यह भी पढ़ेंः 800 करोड़ कीमत वाले चर्चित बंगले 210 बी में दो साल बाद फिर गरजा महाबली, जानिए इस बार क्या हुआ यह भी पढ़ेंः फ्लैट नंबर 311 का दरवाजा जब पुलिस ने खुलवाया, तो अंदर का दृश्य देखकर अवाक रह गए सभी भू-राजस्व से प्राप्त हुई सर्वाधिक राजस्व प्राप्तियां अपर आयुक्त आरएन धामा ने बताया कि मण्डल में वित्तीय वर्ष 2017-18 की समाप्ति पर राजस्व प्राप्तियों में भूराजस्व में 169.53 प्रतिशत, स्टाम्प एवं पंजीकरण फीस में 70.22प्रतिशत, राज्य आबकारी शुल्क में 75.37 प्रतिशत, वाणिज्यकर में 29.53प्रतिशत, वाहन कर, माल तथा यात्री कर में 118.87 प्रतिशत, विद्युत कर तथा शुल्क में 92.47 प्रतिशत, वानिकी एवं वन्य जीव में 98.48 प्रतिशत, अलौह खनन तथा धातु क्रम में 122.57 प्रतिशत, मुख्य तथा मध्यम सिंचाई में 70.40 प्रतिशत है। उन्हांने बताया कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर राजकीय देय की वसूली में स्टांप में 96.31 प्रतिशत, वाहन कर में 98.11, विद्युत देय में 96.40, मनोरंजन कर में 91.60, अलोह खनन में 96. 54, बैक देय मे 97.82, वाणिज्यकर में 43.10 व अन्य देय में 97.41 मुख्य देय में 119.65 प्रतिशत व विविध देय में 97.15 प्रतिशत है। उन्हाेंने बताया कि भूराजस्व अधिनियम के अन्तर्गत पांच वर्ष से पुराने 22 वाद तथा जमीदारी विनाश अधिनियम 181 वाद लम्बित है।
यह भी पढ़ेंः Shameful: रेप के बाद गर्भवती होने के बाद हुर्इ यहां पंचायत, अस्मत पर तीन लाख का फैसला यह भी पढ़ेंः कठुआ के बाद अब मेरठ में बच्चे के साथ किया ऐसा और कर दी हत्या आईजीआरएस पोर्टल रैंकिंग में मेरठ 51वें स्थान पर उन्होंने बताया कि आईजीआरएस पोर्टल रैंकिंग में मार्च 2018 में मेरठ 51 व गौतमबुद्धनगर 67वें स्थान पर है तथा अवैध कब्जेदारों के विरूद्ध 464 एफआईआर मण्डल में दर्ज करायी गर्इ हैं। मण्डल में श्रावस्ती मॉडल के क्रियान्वयन में 997 ग्राम विवादरहित बनाए गए हैं।