यह भी पढ़ें- up lockdown: जानिए 55 घंटों में किन सेवाओं काे रहेगी छूट, किन पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध दरअसल, इस बार कोरोना संक्रमण के चलते शिवरात्रि पर सैकड़ों साल पुरानी परंपरा टूट गई है। शिवरात्रि पर प्रतिवर्ष मेरठ के सभी प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीषण भीड़ हुआ करती थी। शिवालयों में पैर रखने तक की जगह नहीं होती थी, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण ने सैकड़ों साल से चली आ रही परंपरा को ही बदलकर रख दिया है। इस कारण न तो मंदिरों के बाहर और न भीतर भोलेभक्त दिखे और न वह रौनक। कुल मिलाकर सन्नाटे जैसी स्थिति है। प्रसिद्ध औघड़नाथ मंदिर परिसर भी सुनसान पड़ा रहा। वहीं मंदिर परिसर के बाहर पुलिस बल तैनात रहा।
मंदिर के पुजारी श्रीधर त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार शिवरात्रि पर मंदिर में ऐसा माहौल देखा है। जबकि मंदिर परिसर में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं, मंदिर परिसर के बाहर डयूटी दे रहे सीओ ने बताया कि सभी मंदिरों के बाहर नोटिस लगाए गए हैं। मंदिरों में जलाभिषेक पूरी तरह से प्रतिबंधित है। कोरोना संक्रमण के कारण ऐसा किया गया है। अगर कोई जबरदस्ती करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि किसी मंदिर में जलभिषेक की कोई मंजूरी नहीं दी गई है। सभी केवल अपने-अपने घर में ही पूजा करें, क्योंकि लॉकडाउन चल रहा है।