यह भी पढ़ें- सेटेलाइट से पकड़े गए पराली जलाते आठ किसानों से 37 हजार से अधिक का जुर्माना वसूला चिकित्सकों के अनुसार, जहरीली वायु के संपर्क में आने पर फेफड़े, रक्त, संवहनी तंत्र, मस्तिष्क, हृदय और यहां तक कि प्रजनन प्रणाली भी प्रभावित हो सकती है। प्रदूषण पर कई प्रकार के शोध कर चुके नवीन प्रधान बताते हैं कि एक अध्ययन के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण पूरे देश में पांच लाख अकाल मौतें हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि मेरठ की आबोहवा पिछले कुछ दिनों से बहुत ही खराब बनी हुई है। शहर में वायु की गुणवत्ता विशेष रूप से सुबह-सुबह अधिक खराब होती है। जब प्रदूषण बहुत अधिक होता है। हालांकि, यह अस्थमा या हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए तो घातक है ही। स्वस्थ व्यक्तियों को भी इससे पूरा खतरा है। बुजुर्ग लोग और बच्चे भी उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आते हैं।
नवीन प्रधान बताते है कि मेरठ ही नहीं पूरे एनसीआर में वायु प्रदूषण पिछले एक सप्ताह से ही घातक स्तर पर पहुंच रहा है। पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने हालात गंभीर होते हुए भी कोई ठोस उपाय नहीं किए हैं। रविवार को मेरठ का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर को पार करते हुए 335 से ऊपर पहुंच गया जो कि अब तक का सबसे अधिक है। इसी के साथ वायु प्रदूषण के मामले में पश्चिम उत्तर प्रदेश में मेरठ सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की सूची में टॉप पर पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि अगर कोई ठोस उपाय नहीं किए गए तो यह स्तर दिवाली पर 400 से भी ऊपर तक पहुंच सकता है।