यह भी पढ़ेंः Meerut: Lockdown के दौरान दो सप्ताह में बने 13 नए कोरोना हॉटस्पॉट, 48 पॉजिटिव मरीज भी आए सामने चांद दिखने के साथ ही रमजान की घोषणा के बाद उलेमा और तमाम लोग ऑनलाइन आए। शहर के लालकुर्ती, रजबन, जाकिर कॉलोनी, जैदी फार्म, लिसाड़ी गेट, ऊंचा सद्दीकनगर समेत तमाम इलाकों में युवाओं ने ऑनलाइन रोजेदारों को बधाइयां दी। चांद दिखने के बाद कारी शफीकुर्रहमान कासमी ने ऑनलाइन आकर लोगों को चांद दिखने के साथ मुकद्दस रमजान का पाक महीना शुरू होने की मुबारकबाद दी। इस मौके पर कारी शफीकुर्रहमान ने तकरीर पढते हुए कहा कि दुनिया की तमाम संस्कृतियों में हिन्दुस्तानी संस्कृति का आदर केवल इसलिए कायम है कि यह संस्कृति आपसी सहमति, भाईचारा और आपसी मेलजोल से निर्मित है। कहा गया है कि हिन्दुस्तानी तहजीब का आधारभूत तत्व विश्व कल्याण है। भारतीय तहजीब के दो विशेष पहलू हैं, ऊपर वाले में आस्था और सभी धर्मों से प्रेम। ऊपर वाले पर विश्वास हिन्दुस्तानी संस्कृति का आंतरिक और धार्मिक सहिष्णुता बाहरी पहलू है। हमारी तहजीब और परंपरा से समाई यह परमात्मा से प्रेम एवं गंगा-जमुनी तहजीब के मिश्रण की मिसाल है।
यह भी पढ़ेंः कोरोना की चेन तोड़ने के लिए अब हॉटस्पॉट में सैंपलिंग, स्वास्थ्य विभाग ने लगाई इतनी टीमें सदर बाजार स्थित मदरसा इमदादुल इस्लाम के प्रधानाचार्य मौलाना मशहूदुर्रहमान शाहीन जमाली चतुर्वेदी ने दुआ कराई और मुकद्दस रमजान की मुबारकबाद दी।कारी शफीकुर्रहमान कासमी ने बताया कि वह रोजाना शाम को ऑनलाइन आकर तकरीर करेंगे। रमजान की फजीलत बताएंगे। इसी तरह मौलाना मशहूदुर्रहमान भी ऑनलाइन तकरीर करेंगे। कारी अफ्फान ऑनलाइन कुरान-ए-पाक सुनाएंगे।