यह भी पढ़ेंः जिला आपूर्ति का निरीक्षक अपने सहायक के साथ 20 हजार की घूस लेते पकड़ा बुधवार को मारी थी गोली गौरतलब है कि बुधवार को दलित युवक गोपी की गांव के ही दूसरे समुदाय के युवक मनोज ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर गोली मार दी थी, जिसमें उसकी मौत हो गई थी। हत्या के बाद गांव में तनाव व्याप्त हो गया था। क्योंकि हत्या करने वाले गुर्जर बिरादरी से हैं तो मरने वाला दलित। सुबह से ही एसएसपी मंजिल सैनी, एसपी सिटी मान सिंह चैहान, एडीएम सिटी, एसपी क्राइम शिवराम यादव गांव में सुरक्षा बल के साथ मौजूद रहे। इस दौरान गांव वालों ने मीडिया कर्मियों के साथ बदतमीजी की और उन्हें गांव से भगा दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि मीडिया एकतरफा रिपोर्टिंग कर रहा है। वह गांव वालों की बात नहीं सुन रहा है।
यह भी पढ़ेंः योगेश वर्माः हस्तिनापुर का पूर्व विधायक, निष्कासन के बाद वापसी…अब मेरठ में बवाल का आरोपी देर रात गांव में हुई दलितों की पंचायत दलित युवक गोपी की हत्या के बाद देर रात गांव में एक पंचायत भी हुई। जिसमें दाह संस्कार के बाद आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन पुलिस अफसरों ने ऐसा नहीं होने दिया। तनाव के मद्देनजर गाव में पुलिस बल तैनात हैं। हालांकि पुलिस ने मुख्य दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
कच्चे रास्तों से घर की तरफ दौड़ा था गोपी खून से लथपथ गोपी कच्चे रास्ते से होता हुआ घर की तरफ दौड़ा था। रास्ते में चाचा चरन मिला जो उसे अपनी बाइक से सुभारती अस्पताल ले गया। वहां से उसे केएमसी में रेफर कर दिया गया। ऑपरेशन के बाद उसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया। रात 10.45 बजे युवक की मौत हो गई। गोलीबारी की सूचना के बाद एसएसपी मंजिल सैनी कर्इ थानेदारों आैर आरएएफ के साथ गांव पहुंचे थी। एसएसपी ने बताया कि गांव में अब पूरी तरह से शांति है। पूरे गांव में पुलिस और पीएसी लगाई गई है।