मेरठ

150 वर्षों बाद पंचमहायोग में आ रही हनुमान जयंती, एेसे बनाएं अपने बिगड़े काम

शनिवार को है हनुमान जयंती, पूजा में इन बातों का रखें विशेष ध्यान

मेरठMar 30, 2018 / 12:03 pm

sanjay sharma

मेरठ। हनुमान जयंती इस बार 31 मार्च 2018 शनिवार को पड़ रही है। इस बार 150 वर्षों बाद पंचमहायोग में त्रिकरणीय, शनिवारीय को हनुमान जयंती है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से भक्ति, शक्ति , स्वास्थ्य, आयु, सफलताओं का वरदान मिलेगा। हनुमान जी का जन्म बृहस्पति देव के पुत्र वानर राज केसरी के बेटे के रूप में चैत्र पूर्णिमा दिन मंगलवार चित्रा नक्षत्र मध्य रात्रि मकर लग्न में तब हुआ था। जब चार ग्रह केन्द्र में तथा पराक्रम भाव में उच्च ग्रह थे। कुल मिलाकर पांच ग्रह से भी अधिक उच्च ग्रह विद्यमान होना केवल अवतार जन्म में ही सम्भव होता है। इस बार हनुमान जयंती को शनिवारीय हनुमान जयंती बोला जाएगा। जिसमें अमृत योग ?, वृद्धियोग, ध्रुवयोग, उत्पाद योग, यमघंट योग पंच महायोगों का शुभ योग बन रहा है। जिसमें हनुमान जयन्ती पड़ रही है। जिस दिन सूर्य , रेवती नक्षत्र में प्रवेश करेंगे व भद्रा भी समाप्त हो जाएगी। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में ‘विष्टि‘‘बव‘‘बाल व‘ तीन करण वाली है यह चैत्र पूर्णिमा की हनुमान जयंती। पंडित भारत ज्ञान भूषण के अनुसार ऐसा दुर्लभ योग डेढ़ शताब्दी पश्चात आ रहा है।
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एेसे पाएं हनुमान की कृपा

दुर्लभ योग पूर्ण हनुमान जयंती पर विशेष वरदायी प्रभाव बैसाख स्नान प्रारम्भ-चैत्र शुक्ल पूर्णिमा से बैसाख मास का स्नान भी प्रारम्भ हो जाता है। अतः सूर्य उदय से पहले उठकर ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ जपकर किया गया स्नान तथा पंखा, खरबूजा, फल, नया अनाज आदि का दिया दान प्रातः 6:16 से शाम 6:07 मिनट से पूर्व कर लेने से आध्यात्मिक उत्थान के योग बना पाते हैं।
हनुमान का ऐसे मनायें प्राकट्य दिवस

भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी का हुआ तथा तुरंत एक सप्ताह के अंदर उनकी सेवा के लिए भगवान शिव का ग्यारहवां रूद्र अवतार चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर हनुमान के रूप में प्राकट्य हुआ। पूजन में लाल व पीले वस्त्र, केसरयुक्त चंदन, मूंज की यज्ञोपवीत, विशेष शुभ प्रभावी होती है। सूर्योदय पश्चात प्रातःकरें पूजन विशेष-मध्य रात्रि 12:12 बजे बाल हनुमान का जन्म समय है। शनिवार को चैत्र पूर्णिमा तिथि है, अतः शनिवार की प्रातः ही हनुमान जयंती है। इस दिन हनुमान जयन्ती पर गेंदा, हजारा, गुलाब आदि के फूल चढ़ाने से शुभता बढ़ती है। स्त्रीवाचक फूल जैसे- जूही, चमेली आदि नहीं चढ़ाने चाहिए। प्रसाद के रूप् में चूरमा, केला, अमरूद का भोग चढाना लाभकारी योग बनाता है। दोपहर तक कोई भी नमकीन चीज नहीं खानी चाहिए। सुबह चोला चढाने से जीवन में शुभताएं बढ़ती है। हनुमान चालीसा, सुन्दर-काण्ड आदि का पाठ करना उत्तम है।
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