यह भी पढ़ेंः 20 दिन से गायब किशोरी आश्रम में रहती मिली, पड़ोसी से 500 रुपये उधार लेकर छोड़ दिया था घर अधिवक्ता रामकुमार शर्मा ने कहा कि वकील सिर्फ वकील नहीं, हम इंसान भी हैं। इसलिए जिस तरह का जघन्य अपराध आरोपित ने किया है, उससे आक्रोश और गुस्सा आना स्वाभाविक हैं। क्योंकि वह सिर्फ उसे पीड़ित बाप की नही हमारी भी बहन-बेटी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमने फैसला लिया है कि बार एसोसिएशन पीड़ित परिवार की पूरी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि हैदराबाद व टोंक जिले के अलीगढ़ में दुष्कर्म व हत्या की घटनाओं के विरोध में मेरठ जिले के वकीलों में आक्रोश है। घटनाओं पर विरोध जताते हुए आज कचहरी परिसर में विशाल मार्च निकाला तथा दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की। मार्च में तहरील के वकीलों ने भी भाग लिया।
यह भी पढ़ेंः भाजपा नेता के पोते का अपहरण करके स्कूटी लूटी, बदमाशों ने बहन से छेड़छाड़ का लगाया था आरोप वकीलों ने राष्ट्रपति के नाम डीएम को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में हत्या व दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों को रोकने की आवश्यकता जताते हुए अपरािधयों के खिलाफ सख्ती बरतने पर जोर दिया गया। बार एसोसिएशन ने प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था पर चिंता जताई तथा कानूनी प्रावधानों अनुसार अपराध के दोषियों पर कार्रवाई की आवश्यकता जताई गई। इस दौरान प्रदर्शन करने वाली महिला अधिवक्ता ने कहा कि ये घटनाएं तो रोज की रोज होती रहती है। महिलाओं से क्यों ऐसे जीने का अधिकार छीन लिया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ऐसे दरिदों को ऐसी सजा दी जानी चाहिए कि वे जिदंगी भर के लिए जेल में भेज दिया जाए।