यह भी पढ़ेंः लॉकडाउन में शादी की 50वीं सालगिरह नहीं मना पा रहे थे, अचानक पहुंची पुलिस और दंपती को दिया ये तोहफा बता दें कि मेरठ मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों के इलाज में लगातार लापरवाही के आरोप लग रहे थे। दूसरे जिलों के मुकाबले मेरठ में कोरोना से मरने वालों का औसत भी काफी ज्यादा था। खुद भाजपा नेताओं ने भी मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही के आरोप लगाए थे। इससे जुड़ी कई वीडियो भी सामने आई थी। भाजपा विधायक सोमेन्द्र तोमर ने तो इसकी शिकायत शासन तक से की थी। माना जा रहा था तभी से मेरठ मेडिकल के प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता शासन के निशाने पर थे। मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में गंदगी, शवों के बीच इलाज करने समेत कई वीडियो वायरल हुए थे।
यह भी पढ़ेंः Ground Report: श्रमिकों ने कहा- गांव से बाहर आकर खाना और पहनना ही कमाया, अब नहीं आएंगे घर से लौटकर गुरुवार शाम शासन ने उनकी छुट्टी कर दी। उनकी जगह मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसन विभागाध्यक्ष डॉ. एसके गर्ग को मेरठ कॉलेज का फिलहाल कार्यवाहक प्राचार्य का चार्ज सौंपा गया है। उन्हें तत्काल अपना कार्यभार ग्रहण करने के आदेश दिए गए हैं। वहीं फिजियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. विनय अग्रवाल को मेरठ मेडिकल कॉलेज का उप प्रधानाचार्य बनाया गया है। बता दें कि आगरा के बाद मेरठ दूसरा जिला है जहां लापरवाही पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को हटाया गया है। इससे पहले आगरा में जीके अनेजा की प्राचार्य पद से छुट्टी की गई थी।