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ऊंट के बुजुर्ग मालिक असई ने बताया कि वो लुधियाना में ऊंट लेकर रहता था और इसी के माध्यम से अपना और अपने परिवार को जीवन यापन करता था। वह ऊंट पर बच्चों को बैठकर घूमाता था। उससे जो पैसे मिलते थे उससे अपना पेट भरता था। उसका कहना है कि जब से लॉकडाउन हुआ है वह फंसा हुआ था। लुधियाना में रहकर ऊंट के सहारे जीवन यापन करने वाले बुजुर्ग को जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो वो लुधियाना से पैदल ही ऊंट लेकर गोरखपुर के सफर पर निकल पड़ा है। लुधियाना से ऊंट लेकर पैदल निकले बुजुर्ग एक हफ्ते बाद मेरठ पहुंचा। इस दौरान 70 साल के इस बुजुर्ग ने बताया कि इसी ऊंट में बच्चों को बैठाकर वो घुमाया करते थे। लुधियाना में अपने दो बेटों के साथ वो रहते थे। वो अपना ऊंट लेकर लुधियाना से पैदल ही चल दिए और अब गोरखपुर जाकर ही दम लेंगे।
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