यह भी पढ़ें- patrika positive news कोरोना की तीसरी लहर को भी हराएंगी MSME इकाइयां, योगी सरकार भी देगी हर तरह की सुविधा 100 साल की सरदार कौर का कहना है कि ईश्वरीय अनुकम्पा, शुभचिंतकों और हितैषियों की दुआओं, शुभकामनाओं और उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति केे बल पर दिन-रात चिकित्कीय सेवा के साथ उन्होंने कोरोना का हरा दिया। बता दें कि सरदार कौर बापगत जिले के गांव बूढ़पुर की मूल निवासी हैं और इस समय अपने परिवार के साथ अल्फा कोर्प मेरठ वन आवासीय सोसाइटी मेरठ-रुड़की बाई पास रोड पर रह रही हैं। उनके पुत्र धुरेन्द्र कुमार सिंह रिटायर्ड पुलिस अधिकारी हैं। हर चुनाव में हमेशा मतदान करती आ रहीं सरदार कौर इस बार भी 19 अप्रैल को गृह जनपद बागपत में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सभी परिजनों के साथ मतदान करने गांव बूढ़पुर गयी थीं। वहां से वापस आते ही कोरोना पॉजिटिव होने के लक्षण आने लगे। परिवार के सभी छह सदस्य कोरोना की चपेट में आ गए। सभी का एचआरसीटी, एंटीजन टैस्ट, आरटीपीसीआर कराए तो कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
15 दिन गंभीर संकट से गुजरा पूरा परिवार इसके बाद करीब 15 दिन पूरा परिवार बहुत गम्भीर संकट गुजरा। पौत्र विक्रांत चौधरी के सम्पर्क, दृढ़ इच्छाशक्ति और पॉजिटिव एटीट्यूड से घर पर ही समस्त आवश्यक चिकित्सकीय सुविधाएं जुटाई गईं। पुत्रवधु नीशू चौधरी ने भी दिन-रात की देखभाल की। इस तरह दृढ़ इच्छाशक्ति और उच्च मनोबल के दम पर सरदार कौर समेत परिवार के सभी सदस्यों की रिपोर्ट गत शनिवार को निगेटिव आ गई।
निराश लोगों के लिए बड़ा उदाहरण इस संकट और तनाव भरे दौर में अपने अनुभव बताते हुए सरदार कौर कहती हैं कि यह अनुभव हुआ कि कोरोना से निगेटिव होने के लिए उचित योग्य चिकिसकीय परामर्श के अनुसार दवाई के साथ-साथ दुआओं, दृढ़ इच्छाशक्ति रखना बहुत कारगर है। वहीं, उनके पुत्र धुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि उनकी मां ने कोरोना को हराया, यह उन लोगों के लिए एक उदाहरण है, जो कोरोना की गिरफ्त में आते ही निराशा से घिर जाते हैं।