मऊ. 2019 के आम लोकसभा चुनाव से पहले जहां मजबूत विपक्ष के रूप में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी एकजुट होकर बीजेपी को टक्कर देने की कवायद में जुटी है। वहीं दूसरी ओर 2019 के पहले तमाम छोटे और नए दल भी अस्तित्व में आ गए हैं। इस क्रम में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका देते हुए शिवपाल सिंह यादव ने अपनी अलग पार्टी समाजवादी सेकयुलर मोर्चा बना लिया है। न सिर्फ मोर्चा बनाया है बल्कि वह धीरे-धीरे समाजवादी पार्टी को तोड़कर उनके नेताओं को अपने मोर्चे का पदाधिकारी बनाते जा रहे हें। समाजवादी पार्टी को मजबूत करने का जिम्मा जिन कंधों पर था अब वह सपा के डूबोने की कसमें खा रहे है।
शिवपाल सिंह यादव ने प्रवकताओं और मंडल अध्यक्षों के बाद अब जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर सपा को बड़ा झटका दिया है। कुल 30 जिलों में जिलाध्यक्ष सपा से नेताओं को तोड़कर बनाया है। इस क्रम में उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में विजय शंकर यादव को जिले की कमान दी है। विजय शंकर यादव जिले के पुराने समाजवादी नेताओं में गिने जाते हैं। मोर्चा के जिलाध्यक्ष बनाए जाने के पहले तक वह सपा में ही अपनी आस्था होने का दावा करते रहे हैं। पर अब जैसे ही शिवपाल के मोर्चे में जगह मिली वह समाजवादी पार्टी को धूल चटाने की बात कर रहे हैं।
बतादें कि विजय शंकर पार्टी के पुराने कार्यकर्ता होने के बावजूद हमेशा ही पार्टी में उपेक्षा का शिकार रहे हैं। कहा जाता है कि मुलायम सिंह यादव के साथ में उन्होंने राजनीति की एबीसीडी सीखी उन्हीं की पार्टी में उपेक्षा के बावजूद सेवा करते रहे। पर विजय शंकर का राजनीतिक जीवन शुरुआत से मुलायम सिंह यादव के आसपास ही रहा है। छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत करने वाले वाले विजय शंकर बताते हैं कि उन्होंने आजमगढ़ जिले के शिबली, चन्डेसर व डीएवी डिग्री कालेज में छात्र राजनीति की।
1980 में लोकदल की सदस्यता से मुख्यधारा की राजनीति की शुरुआत किया। मऊ और आजमगढ़ के जिलाध्यक्ष बने। 1986-87 में जब लोकदल टूटा और दलित किसान मजदूर पार्टी के रूप में सामने आया तो आजमगढ़ में पार्टी विस्तार समिति के सदस्य बने। बताते है कि उस समय मे जब लोकदल अ और ब के रूप में टूट कर दो भागों में अलग हो गयी तो एक गुट के अध्यक्ष अजीत सिंह हुए ओर दूसरे के हेमवतीनंदन बहुगुणा। तब मुलायम सिंह यादव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हुआ करते थे। उसी वक्त से पार्टी और मुलायम सिंह यादव के साथ मे रहे। 1994 में समाजवादी युवजन सभा में आजमगढ़ के अध्यक्ष बने।
विजय शंकर का राजनीतिक सफर यहीं नहीं रुका पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत हुई तो 1995 में जिले के फतेहपुर मांडव ब्लॉक पर अपने छोटे भाई की पत्नी सुशीला यादव को ब्लॉक प्रमुख बनवाया। इसके बाद 2000-2005 तक अपने ही दूसरे छोटे भाई की पत्नी चमप्पा यादव को ब्लाक प्रमुख बनाया। आरक्षित होने पर सीट हाथ से छूट गयी। 2010 में श्री सिंह से ब्लॉक प्रमुख अध्यक्ष पद का चुनाव हार गए। अपने राजनीतिक जीवन मे 2002, 2007, 2012 में लगातार टिकट की दावेदारी करते रहे पर पार्टी ने आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दिया।
By Vijay Mishra
Hindi News / Mau / मुलायम सिंह यादव के साथ सियासी सफर शुरू करने वाले को शिवपाल ने बनाया जिलाध्यक्ष, कहा आधी सपा तोड़ लूंगा