12 साल पहले हुई थी घटना घोसी कोतवाली क्षेत्र के भिखारीपुर निवासी तुलसी गुप्ता ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप था कि 7 मार्च, 2009 को अकलू चौहान के बकरे ने खेत में उसकी फसल को नुकसान पहुंचाया। गुस्से में उसने बकरे को मारा जिससे कि उसकी मौत हो गई। इससे गुस्साए अकलू ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर तुलसी के पिता राम सनेही की धारदार हथियार से हत्या कर दी. वहीं उनकी चीख सुनकर उन्हें बचाने आए पब्बर की भी गोली मार कर हत्या कर दी। इस घटना के 12 साल बाद सजा सुनाई गई है।
सबूतों के आधार पर सजा इस जघन्य हत्याकांड विचारण के दौरान कुल सात गवाहों को सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार पाण्डेय ने न्यायालय में परीक्षित कराया। एक कोर्ट विटनेस का भी परीक्षण कराया गया। न्यायाधीश ने सबूतों के आधार पर अभियोजन व बचाव पक्ष के तर्कों सुनने के बाद आरोपी अकलू चौहान, जयचंद तथा रामसरन को मामले में फांसी की सजा सुनाई है।