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घोसी सीट से दो बार के विधायक रहे हैं सुधाकर सिंह, सिंबल नहीं मिलने से बीजेपी व बसपा को हो सकता फायदा
घोसी सीट से सुधाकर सिंह दो बार के विधायक रहे हैं और उनकी अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ है लेकिन सिंबल निरस्त हो जाने से उनकी राह कठिन हो गयी है और इसका सीधा फायदा बीजेपी व बसपा को हो सकता है। सुधाकर सिंह के लिए राहत की बात यही है कि उन्होंने निर्दल प्रत्याशी के रुप में भी नामांकन किया था इसलिए निर्दल प्रत्याशी के रुप में वह चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन पार्टी का सिंबल नहीं होने के चलते सपा के परम्परागत वोटरों को अपना प्रत्याशी खोजने में बहुत दिक्कत होगी।
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घोसी सीट से सुधाकर सिंह दो बार के विधायक रहे हैं और उनकी अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ है लेकिन सिंबल निरस्त हो जाने से उनकी राह कठिन हो गयी है और इसका सीधा फायदा बीजेपी व बसपा को हो सकता है। सुधाकर सिंह के लिए राहत की बात यही है कि उन्होंने निर्दल प्रत्याशी के रुप में भी नामांकन किया था इसलिए निर्दल प्रत्याशी के रुप में वह चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन पार्टी का सिंबल नहीं होने के चलते सपा के परम्परागत वोटरों को अपना प्रत्याशी खोजने में बहुत दिक्कत होगी।
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फागू चौहान के राज्यपाल बनने से खाली हुई थी सीट, 15 में से 13 प्रत्याशियों के पर्चे पाये गये वैध
घोसी विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा था और बीजेपी विधायक फागू चौहान को राज्यपाल बनाने के बाद यह सीट खाली हो गयी थी जिसके बाद यहां पर उपचुनाव कराया जा रहा है। उपचुनाव के लिए बीजेपी, सपा, बसपा समेत १५ प्रत्याशियों ने नामांकन किया था जिसमे से दो पर्चे खारिज हो गये हैं इस तरह मैदान में अब कुल १३ प्रत्याशी बचे हुए हैं। सपा प्रत्याशी का नामांकन खारिज होते ही सपाईयों ने प्रदर्शन किया था। निर्वाचन अधिकारी विजय मिश्रा ने बताया कि पार्टी के द्वारा फार्म एबी में से बी पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साइन नहीं थे इस पर सपा समर्थकों ने लखनऊ फोन कर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से वार्ता की। इसके बाद सपा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के साइन किये हुए फार्म बी को जारी किया। समर्थकों ने व्हाअ्सएप और मेल के जरिए फार्म बी को मंगाया था जिसे रिटनिंग अफसर ने नियम के विपरित बताते हुए अस्वीकर कर दिया था।
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घोसी विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा था और बीजेपी विधायक फागू चौहान को राज्यपाल बनाने के बाद यह सीट खाली हो गयी थी जिसके बाद यहां पर उपचुनाव कराया जा रहा है। उपचुनाव के लिए बीजेपी, सपा, बसपा समेत १५ प्रत्याशियों ने नामांकन किया था जिसमे से दो पर्चे खारिज हो गये हैं इस तरह मैदान में अब कुल १३ प्रत्याशी बचे हुए हैं। सपा प्रत्याशी का नामांकन खारिज होते ही सपाईयों ने प्रदर्शन किया था। निर्वाचन अधिकारी विजय मिश्रा ने बताया कि पार्टी के द्वारा फार्म एबी में से बी पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साइन नहीं थे इस पर सपा समर्थकों ने लखनऊ फोन कर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से वार्ता की। इसके बाद सपा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के साइन किये हुए फार्म बी को जारी किया। समर्थकों ने व्हाअ्सएप और मेल के जरिए फार्म बी को मंगाया था जिसे रिटनिंग अफसर ने नियम के विपरित बताते हुए अस्वीकर कर दिया था।
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