जारी निलंबन पत्र के अनुसार एक मामले की विवेचना का दायित्व दोहरीघाट थानाध्यक्ष संजय सरोज को 4 सितम्बर को सौंपा गया था,परंतु उन्होंने इसको स्वयं न लेकर उप निरीक्षक गिरिराज यादव को सौंप दिया था। 10 दिसंबर तक जब इस पर कोई प्रगति नहीं हुई तो सीओ घोसी दिनेश दत्त मिश्रा को इसकी जांच सौंपी गई। सीओ सिटी की जांच पर थानाध्यक्ष संजय सरोज पर लगाए हुए आरोप सही पाए गए। विभागीय कार्यों में लापरवाही और दायित्वों का ठीक ढंग से निर्वाहन न करने के कारण थानाध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
आये दिन चर्चे में रहा इंस्पेक्टर संजय
इसके पहले भी थानाध्यक्ष संजय सरोज अपराधियों से वीडियो कॉल पर बात और एसपी द्वारा निलंबित दरोगा को सम्मानित करने को लेकर काफी चर्चे में रहे थे।सीओ घोसी की जांच आख्या मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक ने इनको तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए निलंबन की अवधि में पुलिस कार्यालय मऊ से संबद्ध कर दिया है। निलंबन के दौरान उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता दिया जायेगा।
एसपी मऊ के इस कदम से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक का कहना है कि विभागीय कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।