अनुच्छेद 32 के तहत दाखिल इस याचिका में कहा गया था कि मुख्तार अंसारी को यूपी की जेल में जान का खतरा है इसलिए इन्हें किसी और राज्य में शिफ्ट कर दिया जाए।
उमर अंसारी की उक्त याचिका पर टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि,” हम उन्हें वापस तो नहीं ला सकते”। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए चार माह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।
इसके पहले मुख्तार अंसारी की तरफ से सुनवाई करते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हमें जिस बात का डर था वही हुआ।
उमर अंसारी की उक्त याचिका पर टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि,” हम उन्हें वापस तो नहीं ला सकते”। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए चार माह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।
इसके पहले मुख्तार अंसारी की तरफ से सुनवाई करते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हमें जिस बात का डर था वही हुआ।
जेल में हुई थी मुख़्तार की मौत
आपको बता दें कि तीन महीने पहले मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। मुख्तार अंसारी का परिवार लगातार इस बात को लेकर जेल प्रशासन पर मुख्तार को जहर दे कर मारने का आरोप लगाता रहा है।