राम सिंह मौर्या और उनके गनर की हत्या का मामला सोमवार को अजय प्रकश सिंह उर्फ मुन्ना की हत्या के मुख्य गवाह राम सिंह मौर्या और उनके गनर सिपाही सतीश की हत्या मामले में मुख्तार की पेशी हुई। इस दौरान हत्या के मामले में वादी अशोक सिंह की अर्जी पर उच्च न्यायालय कार्यवाही पर रोक लगा दी है। इसमें प्रभारी विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट ने 3 जून की नई तारीख दी है।
मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज हुई थी हत्या की एफआईआर मऊ के दक्षिण टोला थाने पर वादी मुकदमा अशोक कुमार सिंह की तहरीर पर मऊ पुलिस ने पांच मनामज़द और कुछ अज्ञात पर हत्या का आरोप लगते हुए मुकदमा किया था। इसमें मुख्तार अंसारी भी नामजद है। सभी पर आरोप है कि 19 मार्च 2010 को अजय प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना की ह्त्या में गवाह रमा सिंह मौर्या और उनके गनर सिपाही सतीश की एआरटीओ कार्यालय के पास गोलोई मरकर हत्या कर दी गई थी।
दोनों पक्षों की गवाही हो चुकी है पूरी इस मामले में दोनों पक्षों की गवाही पूरी हो चुकी है। पत्रावली पर बहस होना बाकी है लेकिन मुख्तार अंसारी की तरफ से प्रार्थना पत्र देकर सिपाही राजेंद्र यादव, संतोष सिंह व राजेंद्र प्रसाद को सफाई साक्ष्य के लिए तालाब किए जाने की मांग का एक प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया गया है।
गबन के मामले में लगा है गैंगेस्टर वहीं गैंगेस्टर एक्ट का मामला सरायलखंसी थाने का है। इस मामले में विधायक निधि से गबन के मामले को आधार बनाकर निरीक्षक रामसिंह की तहरीर पर गैंगेस्टर एक्ट मामले में एफआईआर दर्ज की गयी हिअ इसमें मुख़्तार अंसारी सहित अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें भी कोर्ट ने 3 जून की तारीख दी है।