मऊ का दशहरा मेला अपने में एक इतिहास समेटे हुए है। मुगल कालीन युग से चली आ रही पारंपरिक रामलीला आज भी वही भव्यता समेटे हुए है। रामलीला मैदान पर कड़ी सुरक्षा के बीच हाथी पर बैठे रावण का प्रभु श्री राम ने जिस तरह से संहार किया वह दर्शनीय था। प्रभु श्री राम का विमान रावण वध करने के बाद वहां से चलकर रेलवे मैदान पहुंचा और वहां प्रभु ने माता दुर्गा की आरती उतारी। इसके साथ ही दुर्गा जी की मूर्तियों के विसर्जन की प्रक्रिया शुरू हो गई,जो पूरी रात चलेगी। पूरी भव्यता के साथ माता रानी को विदा किया जायेगा। इस ऐतिहासिक पल को देखने के लिए पूरा जनसैलाब उमड़ पड़ा है।
दशहरे का मेला देखने के लिए यहां दूर दराज गांवों से लोग आए हुए थे। रंग बिरंगे कपड़े पहने हुए मेले में उमड़े हुए लोगों का अलग ही अंदाज था।
सभी लोगों ने मेले में मिलने वाली जलेबी और पकौड़ियों का लुत्फ लिया। वहीं चाट और आइसक्रीम के स्टालों पर भी भीड़ उमड़ी रही। मेले को लेकर सबसे ज्यादा बच्चों में उत्साह था। बच्चों ने वहां से रंग बिरंगे खिलौने खरीदे तो वहीं खरीददारी में महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं।