जानिए पूरी घटना
आपको बता दें कि मऊ जिले के परदहा ब्लॉक के रणवीर पुर कंपोजिट विद्यालय की शिक्षिका रागिनी मिश्रा विभाग की मिली भगत से कभी विद्यालय नहीं जाती थीं। यदि कोई अध्यापक इसके खिलाफ बोलता था तो गुणवत्ता के नाम पर उसका वेतन रोक दिया जाता था। साक्ष्य मिलने और ग्रामीणों की शिकायत पर जब मीडिया स्कूल पहुंची तो उस दिन भी रागिनी मिश्रा विद्यालय पर नहीं थीं। इसके पहले भी रागिनी मिश्रा नवंबर माह में एक हफ्ते तक विद्यालय नहीं गईं। उपस्थिति पंजिका पर उनका कोई हस्ताक्षर नहीं था। बाद में उन्होंने आ कर थोक के भाव में हस्ताक्षर बना दिया। इन सभी का साक्ष्य भी मौजूद है।मामला संज्ञान में आने पर उन्होंने दोपहर में अपना मेडिकल प्रभारी प्रधानाध्यापक के वाट्सअप नंबर भेजा। वहां के शिक्षकों और बच्चों ने भी ऑन कैमरा इस बात को स्वीकार किया था । परंतु बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षिका के खिलाफ कोई भी एक्शन लेने की बजाय जनपद के 6 पत्रकारों के खिलाफ उल्टा मुकदमा दर्ज करवा दिया है।
वहीं पत्रकारों का कहना है कि आखिर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी साक्ष्य मौजूद होने के बावजूद शिक्षिका के खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं लिया। क्या इस कार्य में उनकी भी मिली भगत है??? उन्होंने मांग की कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी और शिक्षिका पर तत्काल मामले को संज्ञान में लेते हुए करवाई की जानी चाहिए।