मथुरा। उत्तर प्रदेश में जब से सत्ता बदली है तब से लगातार परिवर्तन दौर जारी है। इसी क्रम में एक नया बदलाव फिर से देखने को मिला है। अब यूपी को-आॅपरेटिव बैंक के नए मुखिया भी भाजपा के होंगे। आज यानी 10 अगस्त को चुनाव के दौरान मथुरा के पूर्व सांसद तेजवीर सिंह को को-आॅपरेटिव बैंक चेयरमैन पद के लिए चुना गया है।
शिवपाल की हुई छुट्टी
हालांकि तेजवीर सिंह का चेयरमैन बनना पहले ही तय हो गया था क्योंकि वे चुनाव में इस पद के लिए अकेले प्रत्याशी थे। तेजवीर सिंह के को-आॅपरेटिव बैंक के चेयरमैन चुने जाने के साथ ही समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव की इस पद से छुट्टी हो गई। आपको बता दें कि चेयरमैन का ये पद प्रदेश की सहकारिता के मुखिया का माना जाता है।
हालांकि तेजवीर सिंह का चेयरमैन बनना पहले ही तय हो गया था क्योंकि वे चुनाव में इस पद के लिए अकेले प्रत्याशी थे। तेजवीर सिंह के को-आॅपरेटिव बैंक के चेयरमैन चुने जाने के साथ ही समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव की इस पद से छुट्टी हो गई। आपको बता दें कि चेयरमैन का ये पद प्रदेश की सहकारिता के मुखिया का माना जाता है।
जानिए कौन हैं तेजवीर सिंह
भाजपा प्रदेश महामंत्री व सहकारिता प्रभारी एमएलसी विद्यासागर सोनकर के मुताबिक तेजवीर सिंह भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। वे मथुरा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष भी हैं। तेजवीर तीन बार सांसद रह चुके हैं और दो बार कोआॅपरेटिव बैंक के चेयरमैन भी रह चुके हैं। माना जा रहा था कि तेजवीर इस बार फिर से लोकसभा चुनाव 2019 में अपनी किस्मत आजमाएंगे, लेकिन नई जिम्मेदारी के बाद ऐसा संभव नहीं हो सकेगा।
भाजपा प्रदेश महामंत्री व सहकारिता प्रभारी एमएलसी विद्यासागर सोनकर के मुताबिक तेजवीर सिंह भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। वे मथुरा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष भी हैं। तेजवीर तीन बार सांसद रह चुके हैं और दो बार कोआॅपरेटिव बैंक के चेयरमैन भी रह चुके हैं। माना जा रहा था कि तेजवीर इस बार फिर से लोकसभा चुनाव 2019 में अपनी किस्मत आजमाएंगे, लेकिन नई जिम्मेदारी के बाद ऐसा संभव नहीं हो सकेगा।
छह वर्ष की जिम्मेदारी
बता दें कि कोआॅपरेटिव बैंक के चेयरमैन पद का कार्यकाल छह वर्ष का होता है यानी अब छह वर्ष तक उत्तर प्रदेश सहकारिता की सबसे बड़ी संस्था मानी जाने वाली कोआॅपरेटिव बैंक पर बीजेपी का शासन होगा। अब तक सपा नेता शिवपाल सिंह यादव व उनके बेटे के कब्जे में ही प्रदेश सहकारी फेडरेशन व सहकारी बैंक थीं।
बता दें कि कोआॅपरेटिव बैंक के चेयरमैन पद का कार्यकाल छह वर्ष का होता है यानी अब छह वर्ष तक उत्तर प्रदेश सहकारिता की सबसे बड़ी संस्था मानी जाने वाली कोआॅपरेटिव बैंक पर बीजेपी का शासन होगा। अब तक सपा नेता शिवपाल सिंह यादव व उनके बेटे के कब्जे में ही प्रदेश सहकारी फेडरेशन व सहकारी बैंक थीं।