साढ़े तीन करोड़ रुपए आयकर जमा किया – उमेश सारस्वत मंदिर के प्रबंधक प्रशासन उमेश सारस्वत ने बताया कि, ठाकुर जी की ओर से मंदिर प्रबंधन द्वारा सितंबर 2022 में साढ़े तीन करोड़ रुपए आयकर जमा किया था। भगवान बांके बिहारी मंदिर के बैंक खाते की अगर बात की जाए तो करीब 248 करोड़ रुपए की धनराशि बैंक खातों में जमा है।
यह भी पढ़े – अयोध्या के दीपोत्सव में रूसी रामलीला का होगा मंचन, दारिया बनेंगे हनुमान तो चेरन्याश रावण इस नियम के तहत बांकेबिहारी देते हैं इनकम टैक्स आयकर की धारा 12 ए के तहत पंजीयन पर छूट मिलती है। लेकिन इसके साथ 85 प्रतिशत धर्मार्थ व सेवार्थ खर्च करने की शर्त होती है। 85 प्रतिशत से कम धनराशि खर्च करने पर संबंधित संस्था आयकर के दायरे में आ जाती है। बांकेबिहारी प्रकरण में भी यह नियम लागू होता है।
यह भी पढ़े – यूपी बोर्ड 2022 की 12वीं कक्षा की नई टॉपर, जानें कैसा बदल गया रिजल्ट बांके बिहारी मंदिर में दान के कई तरीके बांकेबिहारी मंदिर में दान कई तरीकों से दिया जाता है। दान के लिए मंदिर में गुल्लक रखा गया है। रसीद भी कटती है। गुल्लक और रसीद पर दिया गया दान मंदिर प्रबंधन के माध्यम से बांकेबिहारी के बैंक खाते में जमा होता है। इसके अतिरिक्त मिलने वाला दान सेवायत अपने पास रखते हैं।
सिविल जज बांके बिहारी मंदिर के हैं प्रशासक बांके बिहारी मंदिर की प्रबंध समिति में सात सदस्य होते हैं। पर कमेटी आजकल भंग है। 2014 में कमेटी में विवाद हो गया। मामला हाइकोर्ट गया। जहां आम सहमति न होने पर हाइकोर्ट ने सिविल जज जूनियर डिविजन को बांके बिहारी मंदिर का प्रशासक नियुक्त कर दिया। जब तक कमेटी के चुनाव पर सेवायतों में आम सहमति नहीं बन जाती है, तब तक प्रशासक की देखरेख में मंदिर की व्यवस्था चलेगी। प्रबंधक पद यथावत है, जो मंदिर के कार्य देखते हैं।