उत्तर प्रदेश कॉपरेटिव बैंक पर समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री शिवपाल यादव का कब्जा था। शिवपाल यादव सहकारिता मंत्री भी रहे हैं। इसलिए सहकारिता में शिवपाल यादव की खासी पकड़ मानी जाती थी। इस बार सरकार बदलने के बाद जिलों की सहकारी बैंकों व सहकारी संघ के चुनाव हो चुके हैं। इनमें से अधिकतर भाजपा ने कब्जा जमाया अब प्रदेश कॉपरेटिव चेयरमैन पद भी भाजपा के कब्जे में हो गया है। जिलों से भेजे गए डेलीगेट्स के जरिए प्रदेश की सहकारिता का मुखिया चुना गया।
संचालक मंडल के चुनाव की जो प्रक्रिया हुई, उसमें 15 निदेशकों के पदों के लिए कुल 14 नामांकन हुए थे। नामांकन पत्रों की जांच के दौरान दो नामांकन पत्र खामियों के कारण खारिज हो गए। शेष 12 प्रत्याशी बचे सबका निर्विरोध चुना जाना तय था। इन्हीं प्रत्याशियों में से लखनऊ क्षेत्र से दो निदेशक पद में एक तेजवीर सिंह भी रहे। निदेशक के लिए नामांकन करने वाले 12 प्रत्याशियों के निर्वाचित होने की घोषणा 9 अगस्त को कर दी गई थी। चेयरमैन पद का चुनाव आज संपन्न हुआ।
भाजपा प्रदेश महामंत्री व सहकारिता प्रभारी एमएलसी विद्यासागर सोनकर के मुताबिक तेजवीर सिंह भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। मथुरा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष भी हैं। तीन बार सांसद रहने के साथ ही कोआपरेटिव बैंक के चेयरमैन भी रह चुके हैं। उनके अनुभव को देखते हुए चेयरमैन के लिए संगठन ने उनका नाम तय किया था। अभी तक ये माना जा रहा था कि तेजवीर सिंह लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी पद के लिए दावा करेंगे लेकिन उन्हें अब रास्ते से हटना पड़ेगा।