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मां वैष्णो देवी का प्राचीन मंदिर मथुरा के राष्ट्रीय राजमार्ग दो से करीब 300 मीटर अंदर है। मान्यता है कि माता के मंदिर जो भी आता है वह मायूस होकर नहीं लौटता और मां उसे आशीर्वाद के रूप में कुछ ना कुछ जरूर प्रदान करती हैं। मंदिर के सेवायत पुजारी विनोद गौतम ने मंदिर की मान्यता के बारे में जाना, तो उन्होंने बताया 17 फरवरी 1976 में हमारे पिता राधेश्याम गौतम को मां का स्वप्न आया। मां का जो स्वरूप है, वह जमीन से प्रकट हुआ। वहीं जो तीन पिंडियां रखी हुईं हैं वह आकाश मार्ग से सैकड़ों लोगों के उपस्थिति में प्रकट हुईं। उन्होंने कहा कि सुनने में थोड़ा सा अजीब लगेगा, लेकिन मैंने खुद इन पिंडियों को आकाश मार्ग से प्रकट होते हुए देखा है। 44 साल हो गए मुझे देखते हुए यहां भक्तों की एक माला जैसी बनती जा रही है और जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर आता है, उसकी मनोकामना माता रानी पूर्ण करती हैं।
मां वैष्णो देवी का प्राचीन मंदिर मथुरा के राष्ट्रीय राजमार्ग दो से करीब 300 मीटर अंदर है। मान्यता है कि माता के मंदिर जो भी आता है वह मायूस होकर नहीं लौटता और मां उसे आशीर्वाद के रूप में कुछ ना कुछ जरूर प्रदान करती हैं। मंदिर के सेवायत पुजारी विनोद गौतम ने मंदिर की मान्यता के बारे में जाना, तो उन्होंने बताया 17 फरवरी 1976 में हमारे पिता राधेश्याम गौतम को मां का स्वप्न आया। मां का जो स्वरूप है, वह जमीन से प्रकट हुआ। वहीं जो तीन पिंडियां रखी हुईं हैं वह आकाश मार्ग से सैकड़ों लोगों के उपस्थिति में प्रकट हुईं। उन्होंने कहा कि सुनने में थोड़ा सा अजीब लगेगा, लेकिन मैंने खुद इन पिंडियों को आकाश मार्ग से प्रकट होते हुए देखा है। 44 साल हो गए मुझे देखते हुए यहां भक्तों की एक माला जैसी बनती जा रही है और जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर आता है, उसकी मनोकामना माता रानी पूर्ण करती हैं।
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इन दिनों पूजा करने से होती है माता की कृपा
मंदिर के पुजारी ने बताते हुए यह भी कहा की रविवार, मंगलवार, और अष्टमी के दिन अगर माता की पूजा की जाए, तो माता रानी उस भक्तों की मनोकामना अवश्य पूर्ण करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कम से कम सात रविवार यह सात मंगलवार माता की विधि विधान से पूजा करते हैं तो मां अवश्य प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।
इन दिनों पूजा करने से होती है माता की कृपा
मंदिर के पुजारी ने बताते हुए यह भी कहा की रविवार, मंगलवार, और अष्टमी के दिन अगर माता की पूजा की जाए, तो माता रानी उस भक्तों की मनोकामना अवश्य पूर्ण करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कम से कम सात रविवार यह सात मंगलवार माता की विधि विधान से पूजा करते हैं तो मां अवश्य प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।
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अगर आप मंदिर जा रहे हैं तो हम आपको बताते हैं कि मां वैष्णो देवी के मंदिर कैसे पहुंचा जा सकता है। दिल्ली की तरफ से अगर आप आ रहे हैं तो नेशनल हाईवे दो होते हुए एटीवी कंपनी के पास होकर रास्ता गया है। अगर आपको आगरा की तरफ से आना है तो नेशनल हाईवे 2 के पास लेफ्ट हैंड पर मंदिर का मुख्य द्वार बना हुआ है। वह आपको मां वैष्णो देवी के मंदिर जाने में मदद करेगा। बस या ट्रेन से अगर आप आ रहे हैं तो आपको ऑटो या टैक्सी लेकर महोली
रोड होते हुए जय गुरुदेव मंदिर पहुंचेंगे।
अगर आप मंदिर जा रहे हैं तो हम आपको बताते हैं कि मां वैष्णो देवी के मंदिर कैसे पहुंचा जा सकता है। दिल्ली की तरफ से अगर आप आ रहे हैं तो नेशनल हाईवे दो होते हुए एटीवी कंपनी के पास होकर रास्ता गया है। अगर आपको आगरा की तरफ से आना है तो नेशनल हाईवे 2 के पास लेफ्ट हैंड पर मंदिर का मुख्य द्वार बना हुआ है। वह आपको मां वैष्णो देवी के मंदिर जाने में मदद करेगा। बस या ट्रेन से अगर आप आ रहे हैं तो आपको ऑटो या टैक्सी लेकर महोली
रोड होते हुए जय गुरुदेव मंदिर पहुंचेंगे।