50 लाख की लागत से कराया था सुंदरीकरण गोकुल की तरफ थोड़ा सा चलें तो लाल पत्थर से बना जो स्थल दिखाई देता है, वही पूतना कुंड है। पांच हजार दो सौ साल पहले यहीं पर पूतना वध हुआ था। वर्ष 2014-15 में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने 50 लाख रुपये की लागत से पूतना कुंड को सुंदर बनाया था। सुंदरीकरण कराने के बाद पर्यटन विभाग ने इस ओर देखा तक नहीं। तीन साल में ही बुरा हाल हो गया है। जानकारों का कहना है कि जितना राशि दी गई, उतनी उपयोग में नहीं लाई गई।
इस समय क्या है हाल थाना महावन के गोकुल स्थित पूतना कुंड अपनी बदहाली पर आँसू बहा रहा है। आलम ये है कि यहाँ गंदगी का अंबार लगा हुआ है। झाड़ियों ने अपना कब्जा कर रखा है। स्थानीय निवासी फतेह सिंह और विजय का कहना है कि काफी लंबे समय से ये पूतना कुंड इसी हालत में है। नवीकरण के कुछ महीने बाद यहाँ झाड़ी उगना शुरू हो गईं। इसको देखने वाला कोई नहीं है। सफाई तक नहीं होती है। श्रद्धालु आते हैं और यहां की खराब छवि देखकर लौट जाते हैं।