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जानिए इतिहास भगवान श्री कृष्ण जब बरसाना राधा से मिलने पहुंचे और उन्होंने चंद्रमा की तुलना राधा से कर दी तो राधा उनसे नाराज होकर मान मंदिर पहुंच गईं। भगवान श्री कृष्ण उन्हें ढूंढते हुए मान मंदिर पहुंचे लेकिन राधा को ढूंढ़ते-ढूंढ़ते वह गहवरवन पहुंच गए जहां राधा को मनाने का भरपूर प्रयास किया गया लेकिन राधा नहीं मानीं। यह भी पढ़ें- Donald Trump Agra Visit: अमेरिका के सुरक्षा अधिकारियों की एडवांस टीम सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने आज आएगी आगरा मान्यता के अनुसार राधा जब उनसे नाराज हो कर चली गईं तो भगवान श्री कृष्ण ने ब्राह्मांड चल पर्वत पर रूठ कर बैठी राधा को मयूर नृत्य कर रिझाने और मनाने का प्रयास किया। भगवान कृष्ण का मयूर नृत्य देख राधा भी मान गईं। कहा जाता है कि राधा को मयूर नृत्य बेहद पसंद है। कहा जाता है कि ब्राह्मांड चल पर्वत पर स्थित मोर कुटी पर आज भी राधा और कृष्ण आते हैं और भगवान श्रीकृष्ण अपनी प्राण प्यारी को मयूर नृत्य कर दिखाते हैं। मयूर नृत्य पूरे विश्व में विख्यात है और मयूर नृत्य की शुरूआत बरसाने से ही हुई थी।