मथुरा रिफाइनरी से संचालित स्वर्ण जयंती अस्पताल के मैनेजमेन्ट ने अस्पताल का टेंडर एक निजी कंपनी को दिया है। तभी से यहां मैनजमेंट और मेडिकल स्टाफ आमने सामने आ गया है। डॉक्टरों का आरोप है। IOCL ने जिस संस्था ने टेंडर दिया है वो संस्था मेडिकल फील्ड से नहीं है और यहां आते ही टेंडर धारक के साथ—साथ संस्था गुंडों की तरह व्यवहार कर रही है। जिससे यहां काम करनी वाली महिलाए दहशत में है। डॉक्टरों का कहना है कि संस्था इनका शोषण कर रही है। मैनेजमेंट और डॉक्टरों के बीच हुई वार्ता विफल रही। अब यहां लड़ाई आर-पार की होती नजर आ रही है। इस लड़ाई में जहां डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ़ हड़ताल पर चला गया है। इस लड़ाई में यहां भर्ती मरीज परेशान हो रहे है। इस लड़ाई की वजह से आने वाले मरीजों का हाल बेहाल है।
स्वर्ण जयंती अस्पताल में तैनात जीतू नाम की महिला स्टाफ नर्स ने और डॉ. राहुल सारस्वत ने बताया कि यह लोग यहां आते हैं 10 गुंडे साथ में लाते हैं और टेरेरिस्ट की तरह आकर यहां टेरर जमा रहे हैं इन लोगों का यहां आना हम लोगों को डरा धमका कर रखना है। किसी भी महिला स्टाफ नर्स को या महिला कर्मचारी को गंदे नजरिए से देखना और बोलने का। हम महिला यहां पर अपने आप को सेफ महसूस नहीं कर रहे हैं। जीतू बताती हैं कि हम लोग यहां शांति से काम करना चाहते हैं और हम लोगों की स्ट्राइक तब तक रहेगी जो हमारी मांग है उनको यह मान नहीं लेते।