सवा सौ प्रसाद का होगा निर्माण
जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर होने वाले विशेष कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि इस बार ठाकुरजी मोर्छला आसन पर आसीन होकर अभिषेक स्थल पर आएंगे। उनका दुग्धाभिषेक कामधेनु स्वरूपा चांदी से निर्मित स्वर्णमंदित गाय के पयोधर से होगा। जन्माष्टमी पर भगवान को भोग लगाने के लिए मेवे के लड्डू, कुटू के लड्डू, मिंगी के लड्डू के साथ साथ मिंगी पाक का बहुत ही वृहद स्तर पर निर्माण कराया जा रहा है। साथ लगभग सौ से सवा सौ मन प्रसाद का निर्माण होगा। ज्यादा से ज्यादा भक्तों को प्रसाद वितरण हो जाए, इसके लिए वितरण केंद्र बनाए जा रहे हैं जो जन्मस्थान के अन्य क्षेत्र और जन्मस्थान के निकास द्वार के दोनों तरफ होंगे।
जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर होने वाले विशेष कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि इस बार ठाकुरजी मोर्छला आसन पर आसीन होकर अभिषेक स्थल पर आएंगे। उनका दुग्धाभिषेक कामधेनु स्वरूपा चांदी से निर्मित स्वर्णमंदित गाय के पयोधर से होगा। जन्माष्टमी पर भगवान को भोग लगाने के लिए मेवे के लड्डू, कुटू के लड्डू, मिंगी के लड्डू के साथ साथ मिंगी पाक का बहुत ही वृहद स्तर पर निर्माण कराया जा रहा है। साथ लगभग सौ से सवा सौ मन प्रसाद का निर्माण होगा। ज्यादा से ज्यादा भक्तों को प्रसाद वितरण हो जाए, इसके लिए वितरण केंद्र बनाए जा रहे हैं जो जन्मस्थान के अन्य क्षेत्र और जन्मस्थान के निकास द्वार के दोनों तरफ होंगे।
रत्न और मोती जड़ी पोशाक धारण करेंगे भगवान
कपिल शर्मा ने बताया कि इस बार ठाकुर जी प्रसिद्ध कारीगरों द्वारा निर्मित मृगांक कौमुदी पोशाक धारण करेंगे। इस पोशाक को बनाने में रत्न, मोती एवं रेशम का उपयोग करते हुए कमल पुष्प, पत्ती, लता-पता आदि की जड़ाई की गई है। 23 अगस्त की शाम केशव देव मंदिर में भगवान श्रीराधा-कृष्ण को यह पोशाक अर्पित की जाएगी और 24 अगस्त को मंगला दर्शन से पूर्व ठाकुरजी इसी पोशाक को धारण कर अपने भक्तों को दर्शन देंगे। इस मौके पर भगवान को सवा सौ मन लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा और उस प्रसाद का वितरण श्रद्धालुओं में किया जाएगा।
कपिल शर्मा ने बताया कि इस बार ठाकुर जी प्रसिद्ध कारीगरों द्वारा निर्मित मृगांक कौमुदी पोशाक धारण करेंगे। इस पोशाक को बनाने में रत्न, मोती एवं रेशम का उपयोग करते हुए कमल पुष्प, पत्ती, लता-पता आदि की जड़ाई की गई है। 23 अगस्त की शाम केशव देव मंदिर में भगवान श्रीराधा-कृष्ण को यह पोशाक अर्पित की जाएगी और 24 अगस्त को मंगला दर्शन से पूर्व ठाकुरजी इसी पोशाक को धारण कर अपने भक्तों को दर्शन देंगे। इस मौके पर भगवान को सवा सौ मन लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा और उस प्रसाद का वितरण श्रद्धालुओं में किया जाएगा।
जन्मस्थान पर सुबह से होंगे धार्मिक आयोजन
ढोल -नगाड़ों और शहनाई वादन के साथ जन्मस्थान पर भगवान की मंगला आरती होगी। उसके बाद पंचामृत अभिषेक के बाद पुष्पार्चन होगा। उसके बाद लीला मंच पर भावमय दिव्य पुष्पांजलि का कार्यक्रम महंत नृत्यगोपाल दास और शरणानंद महाराज के सानिध्य में होगा। सुबह 10 बजे लीलामंच पर आरती के बाद कीर्ति किशोरी द्वारा भजन गायन का कार्यक्रम होगा।
ढोल -नगाड़ों और शहनाई वादन के साथ जन्मस्थान पर भगवान की मंगला आरती होगी। उसके बाद पंचामृत अभिषेक के बाद पुष्पार्चन होगा। उसके बाद लीला मंच पर भावमय दिव्य पुष्पांजलि का कार्यक्रम महंत नृत्यगोपाल दास और शरणानंद महाराज के सानिध्य में होगा। सुबह 10 बजे लीलामंच पर आरती के बाद कीर्ति किशोरी द्वारा भजन गायन का कार्यक्रम होगा।
महाभिषेक का मुख्य कार्यक्रम रात्रि 11 बजे से होगा शुरू
कपिल शर्मा ने बताया कि जन्मस्थान पर ठाकुरजी के महाभिषेक का कार्यक्रम रात्रि 11 बजे श्री गणेश-नवग्रह पूजन से होगा। रात्रि 12 बजे भगवान के प्राकट्य के समय इस बार मुम्बई से बुलाए गए ढोल वादक, घंटे-घड़ियाल के सामंजस्य से दिव्य मंगल गायन करेंगे और ठाकुजी के विग्रह का महाभिषेक चांदी के गौ विग्रह के पयोधरों से होगा। करीब 15 मिनट के महाभिषेक के बाद रात्रि 12 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक श्रंगार आरती के दर्शन होंगे और ठाकुरजी के जन्म के दर्शन श्रद्धालु रात्रि डेढ़ बजे तक कर सकेंगे।
कपिल शर्मा ने बताया कि जन्मस्थान पर ठाकुरजी के महाभिषेक का कार्यक्रम रात्रि 11 बजे श्री गणेश-नवग्रह पूजन से होगा। रात्रि 12 बजे भगवान के प्राकट्य के समय इस बार मुम्बई से बुलाए गए ढोल वादक, घंटे-घड़ियाल के सामंजस्य से दिव्य मंगल गायन करेंगे और ठाकुजी के विग्रह का महाभिषेक चांदी के गौ विग्रह के पयोधरों से होगा। करीब 15 मिनट के महाभिषेक के बाद रात्रि 12 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक श्रंगार आरती के दर्शन होंगे और ठाकुरजी के जन्म के दर्शन श्रद्धालु रात्रि डेढ़ बजे तक कर सकेंगे।
इस बार उत्सव का स्वरूप अकल्पनीय होगा
उन्होंने कहा कि इस बार मुख्यमंत्री जी भी आ रहे हैं। भक्त बहुत उत्साहित हैं। लोगों को लग रहा है कि इस अवसर पर सरकार भी बहुत ही बड़ी मात्रा में न सिर्फ सहयोग कर रही है, बल्कि लग रहा है कि हमारे साथ प्रशासन भी शामिल हो गया है। ऐसा पहली बार है। योगी जी के प्रयास से इस बार जो उत्सव का स्वरूप होगा वो अकल्पनीय है, अभूतपूर्व है। आज से पहले हमने ऐसी कल्पना नहीं की थी। इससे भक्तों को जो आनंद प्राप्त होगा, उसके लिए हम उनके आभारी हैं।
उन्होंने कहा कि इस बार मुख्यमंत्री जी भी आ रहे हैं। भक्त बहुत उत्साहित हैं। लोगों को लग रहा है कि इस अवसर पर सरकार भी बहुत ही बड़ी मात्रा में न सिर्फ सहयोग कर रही है, बल्कि लग रहा है कि हमारे साथ प्रशासन भी शामिल हो गया है। ऐसा पहली बार है। योगी जी के प्रयास से इस बार जो उत्सव का स्वरूप होगा वो अकल्पनीय है, अभूतपूर्व है। आज से पहले हमने ऐसी कल्पना नहीं की थी। इससे भक्तों को जो आनंद प्राप्त होगा, उसके लिए हम उनके आभारी हैं।