संस्था प्रमुख मधु पंडित दास जी ने पादुका का परिचय देते हुए कहा कि यह दिव्य पादुका जिसका हम दर्शन कर रहे हैं। नवद्वीप के धामेश्वर मंदिर में निवास करती है और यह भगवान चैतन्य की मूल पादुका है, जिसे व्यक्तिगत रूप से भगवान धारण करते थे। उन्होंने कहा कि भगवान चैतन्य ने संन्यास लेने से पूर्व अपनी पत्नी विष्णुप्रिया देवी को ये पादुकाएं भेंट स्वरूप प्रदान की थी। जिनकी सेवा विष्णुप्रिया देवी ने आजीवन व्यक्तिगत रूप से की। आज भी इन दिव्य पादुकाओं का नवद्वीप स्थित धामेश्वर महाप्रभु मंदिर में प्रतिदिन पूजन किया जाता है, आज हमारे लिए बड़े ही हर्ष का विषय है कि हमें उनका दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
इस अवसर पर महाप्रभु के पादुकाओं का पूजन, भगवान् गौरांग के महान भक्त सर्वभूमा भट्टाचार्य द्वारा लिखी नामावली के पवित्र 108 नामों का उच्चारण करते हुए चरण कमलों में स्वर्ण पुष्प, कनक पुष्प अर्पित करते हुए किया गया। कनक अर्चना सेवा शुरू करने से पूर्व भक्तों ने संकल्प मंत्रों और स्तोत्र मंत्रों का उच्चारण किया गया। उसके बाद भगवान चैतन्य के 108 नामों का जाप करते हुए दिव्य पादुका पर पुष्प अर्पित किया गया। कार्यक्रम में व वृन्दावन चंद्रोदय मंदिर के अध्यक्ष चंचलापति दास, फूलडोल बिहारी दास, सनातन किशोर गोस्वामी, महेशानंद सरस्वती जी, गोविन्दानंद तीर्थ, आदित्यानंद, पदम्नाभ गोस्वामी जी, नवल गिरी जी सहित अन्य संत मुख्य रूप से उपस्थित रहे।