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सांसद हेमा मालिनी Hema Malini ने रावल गांव को गोद लेने के बाद छात्र-छात्राओं को अध्ययन के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। प्राथमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं के लिए पांच कमरे और बरामदे का निर्माण कराया। यह काम करीब 44 लाख रुपये की लागत से हुआ, लेकिन धनाभाव के कारण काम बंद हो गया। विद्यालय में अभी खिड़की, दरवाजे, बाउंड्रीवॉल का काम होना बाकी है। इस कारण एक वर्ष से छात्र-छात्रा इस विद्यालय में नहीं पढ़ पा रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक उमेश तिवारी के प्रयास के बाद भी नयी बिल्डिंग की चाबी नहीं मिल सकी है।
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प्रधानाध्यापक का कहना है कि पुराने स्कूल में तीन कमरे में से एक धराशाई हो चुका है, इस कारण ताला लगाकर रखा है। दो कमरों में कक्षा चार और पांच के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाता है। बरामदे में कक्षा तीन और आंगनबाड़ी के छात्र-छात्राओं को बैठाया जाता है। कक्षा एक और दो के छात्र-छात्राओं को मजबूरन बाहर बैठना पड़ता है। स्कूल में 158 छात्र-छात्राएं हैं। जिसमें 87 छात्रा और 71 छात्र हैं। स्कूल की बाउंड्रीवॉल क्षतिग्रस्त होने के कारण विद्यालय में आवारा पशु घूमते हैं। इस कारण विद्यालय में गंदगी रहती है। हैंडपंप का पानी पीने योग्य न होने के कारण छात्र-छात्राओं को पेयजल के लिए बाहर जाना पड़ता है। अब इस भवन का अधूरा काम राज्यसभा सांसद Rajya Sabha रेखा की निधि से पूरा होना है। काम पूरा कराने के लिए 12 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं।