गौरतलब है कि समाज कल्याण विभाग पहले भी कई बार कभी स्कूली छात्राओं को फर्जी तरीके से स्कॉलरशिप डकार जाने या कॉलेज ना होने पर भी स्कॉलरशिप फर्जी छात्रों के खातों में भेजने के मामले में सुर्खियां बटोर चुका है। वहीं इस बार अधिकारियों ने वृद्धा पेंशन के नाम पर चर्चा बटोरी है। उनका कहना है कि कई महीनों से मृत दो हजार लोगों को वृद्धावस्था पेंशन दी जा रही है। यह सुनकर अधिकारियों में हड़कंप मच गया। जैसे ही मामला खुला तो अधिकारियों ने उसे दबाने का भरसक प्रयास किया। ऐसे में एक बात जो सामने निकल के आ रही है वो ये है कि अगर विभाग के अधिकारी पेंशनकारियों का सत्यापन नहीं करते तो क्या मृत लोगों को दी जाने वाली पेंशन का खुलासा हो पाता?
विभाग के अधिकारी ने ये कहा वहीं इस पूरे मामले पर समाज कल्याण अधिकारी ने कहा कि जिले में 70 हजार वृद्धा पेंशन लेने वाले लाभार्थी हैं। जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक होती है, उनको वृद्धा पेंशन का लाभ दिया जाता है। उन्होंने 2000 मृत लोगों को पेंशन दिए जाने पर कहा कि हर वर्ष सत्यापन किया जाता है। वर्ष में यह सत्यापन एक बार होता है। लगभग 60: सत्यापन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। दो हजार लोगों को पेंशन भेजी गई थी। दो हजार लोग मृत पाए गए हैं।