मथुरा। विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी अक्षय तृतीया कोरोना की भेंट चढ़ गई। साल में एक बार भगवान बाँके बिहारी के चरण दर्शन करने का सौभाग्य भक्तों को कोरोना काल के चलते इस वर्ष में नहीं मिल सका। मंदिर के अंदर गोस्वामी समाज के लोगों ने भगवान बाँके बिहारी के चरणों में चंदन का नारियल रख अक्षय तृतीया के पर्व को मनाया।
अक्षय तृतीया का पर्व इस वर्ष भी फीका रहा। कोरोना काल के चलते आम श्रद्धालुओं के लिए भगवान बाँके बिहारी के पट नहीं खोले गए। बाँके बिहारी मंदिर के सेवायत गोस्वामियों ने मंदिर के अंदर भगवान बाँके बिहारी को पीली पोशाक धारण कराई और भगवान को चंदन का गोला उनके चरणों में अर्पण किया। अक्षय तृतीया पर्व की जानकारी देते हुए बाँके बिहारी मंदिर के सेवायत मयंक गोस्वामी ने बताया कि अक्षय तृतीया के पर्व से एक हफ्ते पहले तैयारियां शुरू हो जाती हैं। चंदन जितना शुरू हो जाता है। पोशाकें तैयार कराई जाती हैं। इस वर्ष हम लोगों ने भगवान बाँके बिहारी के लिए दिल्ली से स्पेशल पोशाक मंगाई है। भगवान बाँके बिहारी को आज पीली पोशाक धारण कराई गई है। सत्तू के लड्डू के साथ-साथ शरबत का भोग ठाकुर जी को लगाया गया है। ठाकुर जी के चरणों में चंदन अर्पण किया गया है। उन्होंने बताया कि महामारी के चलते मंदिर के पुजारी सेवा पूजा कर रहे हैं। आम जनमानस के लिए मंदिर बंद है। साल में ठाकुर बाँके बिहारी के चरणों के दर्शन अक्षय तीज के दिन ही आम श्रद्धालुओं को कराए जाते हैं।
रिपोर्ट – निर्मल राजपूत